18 साल में पहली बार छंटनी, 11000 स्टाफ को निकालेगा फेसबुक, दी जाएगी 4 महीने की सैलरी
Facebook की मूल कंपनी मेटा ने अपने 13 प्रतिशत या लगभग 11,000 कर्मचारियों की छंटनी की है. छंटनी के बारे में जुकरबर्ग ने बयान में कहा, `दुर्भाग्य से, यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं.
नई दिल्ली: Facebook layoff: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने बड़ी संख्या में अपने यहां काम करने वालों की छंटनी कर दी है. फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने काफी बड़ी तादाद में लोगों को नौकरी से निकाला है.
फेसबुक से गई हजारों लोगों की नौकरी
फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने अपने 13 प्रतिशत या लगभग 11,000 कर्मचारियों की छंटनी की है. कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि कमाई में गिरावट और प्रौद्योगिकी उद्योग में जारी संकट के चलते यह फैसला करना पड़ा.
क्या कहा मार्क जुकरबर्ग ने
छंटनी के बारे में जुकरबर्ग ने बयान में कहा, "दुर्भाग्य से, यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं. ऑनलाइन कॉमर्स के पिछले रुझान वापस आ गए हैं, लेकिन इसके साथ ही व्यापक आर्थिक मंदी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और विज्ञापन घटने के संकेत के चलते हमारी आय, मेरी अपेक्षा से बहुत घट गई है. मैंने इसे गलत ढंग से समझा और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं.''
कर्माचारियों को मिलेगी 4 महीने की सैलरी
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार मेटा के जिन कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, उन्हें 4 महीने की सैलरी दी जाएगी. कंपनी के ह्यूमन रिसोर्स हेड लॉरी गोलेर के अनुसार, निकाले गए कर्मचारियों को मुआवजे के तौर पर 4 महीने की सैलरी दी जाएगी.
ट्विटर से भी हुई थी छंटनी
इससे पहले अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद वहां बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था. पिछले सप्ताह ट्विटर ने अपने 7,500 कर्मचारियों में से लगभग 50 प्रतिशत को बाहर कर दिया था.
इस वजह से फेसबुक से हुई छंटनी
मेटा की आय के सबसे बड़े स्रोत - ऑनलाइन विज्ञापन में कमी और आर्थिक मंदी के चलते कंपनी के लिए संकट बढ़ा है. इस गर्मी में मेटा ने अपने इतिहास में पहली बार किसी तिमाही के दौरान आय में गिरावट का सामना किया. मेटा द्वारा मेटावर्स में प्रतिवर्ष 10 अरब डॉलर से अधिक निवेश करने से भी निवेशक चिंतित हैं, क्योंकि ऐसे में उसका ध्यान सोशल मीडिया कारोबार से हट रहा है.
मेटा और उसके विज्ञापनदाता संभावित मंदी का सामना कर रहे हैं. एप्पल के गोपनीयता टूल से भी चुनौती मिल रही है, जिसके कारण फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैप जैसे सोशल मीडिया के लिए सहमति के बिना लोगों को ट्रैक करना और लक्षित विज्ञापन देना कठिन होता जा रहा है.
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