नई दिल्ली. ये देश दुनिया के अति-विकसित औऱ समृद्ध देशों में से एक है और हम सब इसे जर्मनी के नाम से जानते है. इस देश में पहले तो कई शहरों में लॉकडाउन में ढील दी गई फिर लेकिन जब दुबारा कई मामले बढ़ने लगे तो अब मजबूरन लॉकडाउन दोबारा लागू करना पड़ा है. 


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जो तय किया था वो हो न पाया


जर्मनी की चान्सलर ने शुरू में तो काफी सफलता हासिल की लेकिन उसके बाद जो लापरवाही हुई वो देश को भारी पड़ गई. चान्सलर ने यहां के राज्यों के प्रशासन-प्रमुखों के साथ मिल कर निर्धारित किया था कि यदि 7 दिनों में प्रति एक लाख व्यक्ति पर नए संक्रमण के मामलों की संख्या 50 से ज्यादा हुई तो लॉकडाउन को दुबारा लागू कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा हो न पाया, यहां के तीन राज्यों में लॉकडाउन में जब छूट मिली तो 7 दिन में बहुत सारे नये मामले नज़र आये.


सभी सोलह राज्यों को दिया था अधिकार


जर्मन चान्सलर एन्जेला मर्केल ने अपने सभी सोलह राज्यों को दिया था यह अधिकार कि यदि आपको लगता है कि संक्रमण नियंत्रण में है तो आप लॉकडाउन हटा सकते हैं. लेकिन अब यह छूट बूमरैंग साबित हो रही है. संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद इन तीनो राज्यों के शहरों में रेस्तरां, टूरिस्ट स्पॉट और फिटनेस स्टूडियो खोलने का फैसला वापस ले लिया गया है.



 


हफ्ते में पचास मामलों का आधार तय था


एन्जेला मर्केल ने जर्मनी के सभी राज्यों की सहमति से यहा फार्मूला लागू किया था औऱ हफ्ते में पचास मामलों का आधार तय किया था. यदि सात दिनों में एक लाख की आबादी पर 50 नए मामले प्रकाश में आये तो लॉकडाउन दोबारा लागू करना होगा. लेकिन उसके बाद नॉर्थ रिने वेस्टफलिया राज्य के एक मीट सप्लाई सेंटर से अचानक खबर आई कि यहां के 150 स्टाफ संक्रमित पाए गए हैं. यह राज्य जर्मनी में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है. अब यहां सरकार राज्य के सभी मीट प्रोसेसिंग प्लांट में स्टाफ का कोरोना परीक्षण कर रही है. 


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