नई दिल्ली: आपने घड़ी को समय बदलते देखा होगा लेकिन कभी एक घड़ी से किसी की किस्मत को बदलते देखा है? अगर नहीं तो इसका सबूत हैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान. उनके हालात ऐसे है कि आज वक्त के पहिये ने उनका ही वक्त बदल दिया. बता दें कि पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसा माहौल बना हुआ है. एक ओर जहां पुलिस इमरान खान की गिरफ्तारी के लिए उनके घर के बाहर मौजूद है तो वहीं पुलिस पर नाराज इमरान समर्थकों ने पत्थर और पेट्रोल बम फेंके. पुलिस ने भी इसके जवाब में आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर समर्थकों पर सख्ती जाहिर कर दी है. 


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कहानी इमरान की 'घड़ी' की 
साल 2018 के आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने 149 सीटों पर जीत हासिल की. जिसके बाद 18 अगस्त को इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और फिर उनका विदेशी दौरों का सिलसिला बढ़ा. इन दौरों में उन्हें कई महंगे तोहफे मिले. इसमें सबसे खास सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की ओर से दी गई सोने की घड़ी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, घड़ी की कीमत 16 करोड़ रुपए थी. इमरान की पत्नी बुशरा बेगम ने इस घड़ी को सऊदी अरब में बेच दिया.


क्या है ये तोशाखाना केस 
पाकिस्तानी कानून के मुताबिक किसी भी प्रधानमंत्री को विदेश दौरे के दौरान मिले तोहफे को तोशाखाने में जमा करना होता है. तोशाखाने का मतलब स्टेट डिपॉजिटरी है जहां महंगी चीजें जैसे कि उपहार संभालकर रखे जाते हैं. वैसे अगर प्रधानमंत्री चाहे तो इन तोहफों को अपने पास रख सकता है, लेकिन उसे इसके लिए मूल्य चुकाना होता है. इन उपहारों की नीलामी भी की जा सकती है और नीलामी से मिला हुआ सारा पैसा सिर्फ सरकारी खजाने में ही जाता है. कुल मिलाकर प्रधानमंत्री को मिले ये तोहफे उनकी नहीं बल्कि देश की संपत्ति होती है. कुछ वक्त बाद इस मुद्दे को विपक्ष ने नेशनल असेंबली में उठाया. विपक्ष के मुताबिक इमरान खान को उनके 3 साल के दौरे के अंदर 58 तोहफे मिले. इन तोहफों की कीमत करोड़ों रुपए थी लेकिन इमरान ने उन तोहफों को ज्यादा कीमत पर बाजार में बेच दिए. जानकारी के मुताबिक इमरान ने कुल 111 तोहफे 2.23 करोड़ पाकिस्तानी करेंसी में खरीदे और इन्हें करीब 2.07 अरब रुपए में बेचा. 


इमरान के खिलाफ जारी हुआ प्रस्ताव
विपक्ष के इन आरोपों पर पाकिस्तानी संसद के तत्कालीन अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने मामले को संज्ञान में लिया और इस पर चुनाव आयोग को दखल देने की अपील की. नेशनल असेंबली में पहले इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. बाद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया. इस पूरे मामले में इमरान पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने उनकी असेंबली की सदस्यता रद्द कर दी. जिसके बाद पाकिस्तान की कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का अदेश जारी किया. हालांकि इस पूरे मामले पर इमरान का कहना है कि विपक्ष अपने सियासी फायदों के लिए उनकी छवि खराब कर रहा है. 


सवालों से भागते रहे इमरान 
वहीं जब इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान से तोहफों की जानकारी मांगी तो उनका जवाब था कि देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है और दूसरे देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं इसलिए उन्होंने इसकी जानकारी जनता को नहीं दी. बता दें कि इमरान खान मामले को लेकर लगातार बचने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं उन्होंने अदालत में निजी पेशी से छूट देने की याचिका भी दी थी. हालांकि, इस्लामाबाद के सिविल जज ने इस याचिका को ठुकराते हुए पुलिस को 29 मार्च के पहले इमरान खान को कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश दिया. इस आदेश के बाद इस्लामाबाद पुलिस की टीम लाहौर भेजी गई.   


पुलिस और जनता के बीच हुई मुठभेड़ 
लाहौर में जमान पार्क स्थित इमरान खान के आवास पर बीती शाम पुलिस भारी बल के साथ पहुंची. इस दौरान इमरान खान के समर्थक और PTI के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थर, लाठियों और पेट्रोल बम फेंके. वहीं पुलिस ने आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस मौके पर हालत बिगड़ती देख पुलिस ने एडिशनल फोर्स, हेलिकॉप्टर और ड्रोन भी तैनात किए. गिरफ्तारी के बीच इमरान खान ने मंगलवार को अपने समर्थकों को संबोधित किया और कहा,  'मैं बता रहा हूं कि वो लोग दोबारा आ रहे हैं. वे हमारे लोगों पर आंसू गैस का इस्तेमाल करेंगे. लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए कि उनके पास इसका कोई जस्टिफिकेशन नहीं है.' 


सरकार पर लगाया हत्या की साजिश का आरोप 
इमरान खान पिछले साल नवंबर से ही कोर्ट में पेश होने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि अदालत जाने पर उनकी जान को खतरा हो सकता है. बता दें कि नवंबर में पूर्वी पंजाब के एक इलाके में प्रदर्शन रैली के दौरान उन पर हमला किया गया था जिसके बाद से ही वह लगातार सेना और सरकार पर उनकी हत्‍या की साजिश का आरोप लगा रहे हैं. इमरान की मानें तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ उनकी पार्टी को और उन्‍हें खत्‍म करना चाहते हैं ताकि वह अपने भाई और पूर्व पीएम नवाज शरीफ को देश वापस ला सकें.


इस दौरान इमरान ने 'डर्टी हैरी' कोड नाम के साथ एक सीनियर ISI ऑफिसर का जिक्र किया और कहा 'डर्टी हैरी' उनके पार्टी के नेताओं और सोशल मीडिया एक्टिविस्‍ट्स को टॉर्चर कर रहे हैं. वह एक साइको है और काफी बुरा इंसान है. ऐसे लोगों से उनकी जान को खतरा है. माना जा रहा है कि इमरान जिस 'डर्टी हैरी' का जिक्र कर रहे थे, वह ISI के डायरेक्‍टर जनरल नदीम अंजुम हैं. यह कोड नाम उन्होंने साल 1970 में आई एक क्‍लासिक क्रिमिनल फिल्‍म 'डर्टी हैरी कैलहैन' से प्रेरित होकर लिया था. 


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