नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब चार अप्रैल 2023 को न्यूयॉर्क में मुकदमे का सामना करने के लिए अदालत में पेश होंगे तो उन आरोपों को सार्वजनिक किए जाने की संभावना होगी जिन पर मैनहट्टन की ग्रैंड जूरी ने उन पर अभियोग चलाया है. मैनहट्टन के जिला अटॉर्नी एल्विन ब्रैग ने 30 मार्च 2023 को अभियोग चलाने की मंजूरी हासिल कर ली, लेकिन अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है कि ट्रंप के खिलाफ असल आरोप क्या हैं.


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ट्रंप पर कारोबारी धोखाधड़ी के आरोप, जानें 4 अहम बातें
कई मीडिया सूत्र बता रहे हैं कि अभियोग में पूर्व राष्ट्रपति पर कारोबारी धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं. मैं पूर्व अभियोजक और कानून का प्रोफेसर हूं जिसने आपराधिक न्याय प्रणाली की पढ़ाई की है. अभियोजन तथा आगे क्या होगा, इस बारे में समझने के लिए चार अहम बिन्दु इस प्रकार हैं...


1). ट्रंप के तत्कालीन वकील माइकल कोहेन द्वारा पोर्न फिल्म की अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स को 2016 में 1,30,000 डॉलर की राशि दिए जाने से ट्रंप के खिलाफ जो आरोप बनते हैं उनमें झूठे कारोबारी रिकॉर्ड अहम हैं. मीडिया में आयी खबरों से पता चलता है कि ट्रंप के खिलाफ करीब 30 आरोप लगाए जा सकते हैं और इनमें से कुछ बड़े जुर्म होंगे.


मीडिया में आयी खबरों से संकेत मिलता है कि ब्रैग के यह आरोप लगाने की संभावना कम है कि ट्रंप द्वारा डेनियल्स को किया गया भुगतान गैरकानूनी था. इसके बजाय ट्रंप पर उनकी कंपनी ‘ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन’ के भुगतान की प्रकृति के बारे में झूठ बोलकर भुगतान को छिपाने की कोशिश करने के लिए ‘‘झूठे कारोबारी रिकॉर्ड्स’’ देने का आरोप लगाया जा सकता है.


2). अगर मुकदमा चलता है ब्रैग को ट्रंप की संलिप्तता, धोखाधड़ी की मंशा साबित करनी होगी, अभियोजन को ट्रंप को प्रत्येक आरोप में दोषी साबित करने के लिए सबूतों को क्रमवार पेश करना होगा.


3). यह इतिहास का सबसे जटिल मामला है. हालांकि, हर कोई देखेगा कि क्या इस मामले से अन्य मामलों की तरह निपटा जाएगा. उदाहरण के लिए न्यूयॉर्क पुलिस विभाग और अदालत के अधिकारियों को ट्रंप के सीक्रेट सर्विस के एजेंट के साथ गिरफ्तारी प्रक्रिया से समन्वय करने की आवश्यकता होगी.


अगर ट्रंप को जेल में डाला जाता है तो जटिलताएं पैदा होंगी. अभी तक हमें जो जानकारी हैं उनके आधार पर इस बात की बेहद कम संभावना है कि ट्रंप को गैरहिंसक अपराध के आरोप के लिए मुकदमा लंबित रहने के दौरान जेल में डाला जाएगा. और अगर वह दोषी साबित भी हो जाते हैं तब भी उन्हें जेल में बंद किए जाने की संभावना बहुत कम है.


4). न्यायिक प्रक्रिया उलझी हुई रहेगी. ज्यादातर कम स्तर के अपराध और दुराचार के मामले मुकदमे से पहले ही सुलझ जाते हैं खासतौर से जब स्पष्ट तौर पर कोई पीड़ित नहीं होता है. अगर यह मामला मुकदमे तक जाएगा तो यह प्रक्रिया कई वजहों से उलझी हुई रहेगी.


किसी आपराधिक मामले में जूरी का चयन करते हुए निचली अदालत के न्यायाधीश को ऐसी संभावित जूरी को चुनना होता है जो पक्षपातपूर्ण नहीं हो. इस मुकदमे पर मीडिया की पैनी नजर होने के कारण ऐसे लोग भी होंगे जो ट्रंप के समर्थक होंगे और जूरी में शामिल होना चाहते होंगे. इनमें से कुछ अपने पूर्वाग्रहों को छिपा सकते हैं. यह भी अपने आप में एक समस्या है.
(द कन्वरसेशन)


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