नई दिल्लीः महिला जब आजाद ख्याली होती है वो कई लोगों की नजर में चुभती है. क्योंकि कुछ लोगों को महिला का ये अंदाज उनकी झूठी शान में गुस्ताखी करने वाला लगता है। अगर कहीं ये बात पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हो तो हाय तौबा मचना लाजिमी है. लेकिन उसी पाकिस्तान में जहां आए दिन महिलाओं पर जुल्म ढहाए जाते हैं और उन्हें घर से बाहर तक निकलने पर पाबंदियां है. वहीं एक महिला ने सियासत का सबसे ऊंचा ओहदा हासिल किया था.


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 न सिर्फ सियासत में उसने अपना लोहा मनवाया था बल्कि उसके विचारों के खुलेपन के किस्से पूरी दुनिया में मशहूर थे. दरअसल, हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान की पू्र्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की. जो अपने अंदाज से पाकिस्तान में महिलाओं के लिए नजीर बनीं. आज ही के दिन यानी 21 जून 1953 को बेनजीर का जन्म हुआ था. आइए जानते हैं उनकी जिंदगी के कुछ अनसुने किस्से....


एक मॉडर्न लड़की जिसने रूढ़ियों से घिरे पाकिस्तान में कई 'जंग' लड़ी 
बेनजीर की जिंदगी के कई किस्से हैं. कई उतार चढ़ाव भी. अगर उनकी सफलता की बात करें तो वो किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला थीं जिन्होंने पीएम बनने तक का सफर हासिल किया हो. लेकिन ये सबकुछ इतना आसान नहीं था. बेनजीर जब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं तो उनके चर्चे आम होते थे. वो मॉडर्न कपड़ों के साथ अपनी पीली एमजी स्पोर्ट्स कार में क्लास लेने आती थीं. 



शराब पीने से भी उन्हें कोई परहेज नहीं था. लेकिन पाकिस्तान में आकर उनके सिर पर एक दुपट्टा आ जाता था और उनका अंदाज बिल्कुल अलग होता था. बेनज़ीर को कई नामों से पुकारा जाता था. कुछ लोगों के लिए वो बीबी थीं तो कुछ के लिए पिंकी, मिस साहिबा और मोहतरमा.


पब्लिक किस और शादी से पहले सेक्स से भी परहेज नहीं
बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया की भारत के मशहूर पत्रकार करण थापर जो उन दिनों कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष थे और बेनजीर ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय की कोषाध्यक्ष हुआ करती थीं. एक बार बेनजीर ने शादी से पहले सेक्स के मुद्दे पर डिबेट कराने को कहा था. इसपर करण थापर ने उनकी तफरी लेने के लिए सबके सामने ही उनसे पूछा कि आप क्या अपनी जिंदगी में ऐसा करने की हिम्मत रखती हैं. 


इसपर सभी लोगों ने जोर का ठहाका लगा दिया. लेकिन बेनजीर ने सभी के चुप होने का इंतजार किया और फिर अपना चश्मा उतार कर करण की आंखों में आंख डालकर कहा- बिल्कुल, लेकिन आपके साथ नहीं. 


बेनजीर के बारे में कहा जाता है कि वो जब अपने देश से बाहर होती थीं लोगों से मुलाकात के वक्त अपना गाल आगे कर देती थी लेकिन जब भी अपने देश में होती थीं या फिर अपने देश के लोगों से घिरी होती थीं तो देश की रुढ़ियों का ख्याल रखते हुए वो अपना हाथ आगे बढ़ा देती थीं. मॉडर्न होने के बावजूद बेनजीर को ये पता था कि वो एक मुस्लिम देश की लड़की हैं.




पिता ने सिखाया राजनीति के गुर
बेनजीर ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो की बेटी थीं, जिनका एक समय में पाकिस्तान की राजनीति में जलवा था. ये बात अलग है कि बाद में उन्हें वहां की फौज ने फांसी पर लटका दिया. बेनजीर चाहती थीं कि वो कोई अधिकारी बनें लेकिन पिता अपनी बेटी को राजनीति में ही लाना चाहते थे. वो उन्हें सियासत की बारीकियों को समझाते थे. कई बार विदेश यात्रा पर अपने साथ लेकर जाते. उसी का असर ये हुआ कि बेनजीर पाकिस्तान की सियासत का एक मजबूत चेहरा बनकर उभरीं.


लेकिन वहां की सेना ने जो किया उससे आपको नफरत होगी
अक्सर महिलाएं जब रुढ़ियों को तोड़ती हैं तो समाज के ठेकेदार महिला के चरित्र को ही निशाना बनाते हैं. बेनजीर के साथ भी ऐसा ही हुआ था. वो जब सियासत में आईं तो पहले उनपर जानलेवा हमला किया गया. लेकिन वो तब भी नहीं रुकीं तो वहां की सेना ने उनके खिलाफ़ दुष्प्रचार की मुहिम में विमान से हज़ारों पर्चे गिराए गए जिसमें बेनज़ीर को पेरिस के एक नाइट क्लब में नाचते हुए दिखाया गया. उनकी मां नुसरत का राष्ट्रपति गेराल्ड फ़ोर्ड के साथ डांस करते हुए एक चित्र भी उस पैम्फ़्लेट में था. जब वो प्रधानमंत्री बन भी गईं तो सेना ने उनके सामने मुश्किलें खड़ी करने में कोई कसर नहीं रख छोड़ी.




दो बार रहीं पीएम
बेनजीर ने दो बार पाकिस्तान की कमान संभाली. अपने पिता की फांसी के करीब 7 साल बाद वो पीएम बनीं. 1988-90 और 1993-96 दो बार वो प्रधानमंत्री रहीं. लेकिन 27 दिसंबर 2007 को बेनजीर जब एक पब्लिक रैली में थी तो उनकी गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई. 


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