नई दिल्लीः दक्षिणी ध्रुव पर बगैर किसी सहायता के अकेले पहुंचने वाली ब्रिटिश सिख सेना की 33 वर्षीय अधिकारी और भारतीय मूल की प्रथम महिला ने अब अंटार्कटिका की यात्रा करने की चुनौती स्वीकार की है. दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने का रिकॉर्ड बनाने को लेकर कैप्टन हरप्रीत चंडी को ‘पोलर प्रीत’ के नाम से भी जाना जाता है. 


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जनवरी में लौटी थीं दक्षिणी ध्रुव से
वह जनवरी में दक्षिणी ध्रुव से लौटी हैं. हरप्रीत चंडी को हाल में एशियन एचीवर्स अवॉर्ड भी मिला है. वह अब इस महीने अपने सामान के साथ अंटार्कटिका में ‘स्लेज’ (बर्फ पर यात्रा करने के लिए वाहन, जिसमें पहिये नहीं होते हैं) खीचेंगी और शून्य डिग्री सेल्सियस के कम के तापमान का सामना करेंगी. 


हरप्रीत ने कहा, ‘मेरा लक्ष्य अकेले और बगैर किसी सहायता के अंटार्कटिका की यात्रा करने का है.’ 


यात्रा में हरप्रीत को लगेंगे 75 दिन
उन्होंने कहा, ‘इस अभियान में मुझे 1,000 मील से अधिक की यात्रा करनी है. शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस कम तापमान का सामना करूंगी और हवा की गति 60 मील प्रति घंटा होगी. इस यात्रा में करीब 75 दिन लगेंगे. यह यात्रा मुझे महाद्वीप को बगैर किसी सहायता के पार करने वाली पहली महिला बना देगी.’


ट्रेनिंग ऑफिसर हैं हरप्रीत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में मेडिकल रेजिमेंट के हिस्से के रूप में हरप्रीत की प्राथमिक भूमिका सेना में डॉक्टरों के लिए क्लिनिकल ट्रेनिंग ऑफिसर के रूप में ट्रेनिंग को व्यवस्थित और मान्य करना है. 


हरप्रीत अभी लंदन में क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज में मास्टर डिग्री पूरी कर रही हैं.


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