नई दिल्ली: पाकिस्तान में आर्थिक तंगी लोगों के लिए सिरदर्द बन रही है. हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. पाकिस्तान वर्तमान में अपने सबसे खराब आर्थिक और वित्तीय संकट से गुजर रहा है, जहां प्रमुख निजी और सरकारी क्षेत्र अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अपने खचरें में कटौती करने को मजबूर हैं.


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स्कूल को बंद करने के लिए होना पड़ा मजबूर
गंभीर वित्तीय संकट के साथ, अब यह चर्चा है कि नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग (पीएचसी) को इस्लामाबाद में मौजूदा आर्थिक संकट के कारण कर्मचारियों और राजनयिकों के बच्चों के लिए खोले अपने स्कूल को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. हालांकि, उच्चायोग ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह फर्जी खबर है.


पाकिस्तान उच्चायोग, नई दिल्ली के प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के पूरा होने पर, स्कूल की गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि नामांकन का स्तर कम है.


स्कूल में छात्रों की नामांकन संख्या हुई प्रभावित
यह ध्यान दिया जा सकता है कि स्कूल कभी भी मेजबान देश की जनता के लिए खुला नहीं था, यह विशेष रूप से उच्चायोग के कर्मचारियों के बच्चों की जरूरतों को पूरा करता था. गौरतलब है कि जून 2020 में उच्चायोग की राजनयिक ताकत को आधे से कम कर दिया गया था.


पाकिस्तान विदेश कार्यालय के सूत्रों ने भी पुष्टि की है कि 2020 के दौरान उच्चायोग में राजनयिक शक्ति कम हो गई थी, इससे स्कूल में छात्रों की नामांकन संख्या भी प्रभावित हुई.
(इनपुट- आईएएनएस)


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