नई दिल्लीः पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा बढ़ता जा रहा है...कुछ ही दिनों में पश्तून बलोच और सिंध के लोगों ने प्रदर्शन किया तो पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान के लोग भी इमरान खान और पाक सेना से खासे नाराज़ हैं...गिलगित के हुंज़ा में सैकड़ों लोग इमरान सरकार के ज़ुल्म के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं.


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सिंध से पीओके तक प्रदर्शन
पाकिस्तान की ज्यादतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है.कराची से लेकर सिंध और सिंध से गिलगित बाल्टिस्तान तक लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं.इमरान सरकार का झूठ एक बार फिर पकड़ा गया है.कश्मीरी लोगों की भलाई और विकास का दावा करने वाला पाकिस्तान किस तरह जुल्म ढा रहा है ये किसी से छिपा नहीं है.कश्मीर को लेकर भारत पर आरोप लगाने वाला पाकिस्तान ने किस तरह मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाई हैं ये भी किसी से छिपा नहीं है.



पाकिस्तान की सरकार और सेना पर नागरिक अधिकारों के हनन का आरोप लगता रहा है.एक बार फिर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इसे लेकर बड़ा प्रदर्शन हुआ है.लोगों ने इमरान खान की सरकार के विरोध में नारेबाज़ी की.दरअसल प्रदर्शनकारी पिछले 9 साल से जेल में बंद राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग कर रहे थे. इसे लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान के हुंजा में विरोध रैली निकाली गई.प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं. 




दरअसल इमरान सरकार ने 2011 में आवामी वर्कर्स पार्टी के नेता बाबा जान सहित 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था... 2011 में, हुंजा नदी में बाढ़ की वजह से स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ था और मुआवजे की मांग को लेकर वो प्रदर्शन कर रहे थे जब पुलिस ने गोली चला दी.



पुलिस की गोली से एक व्यक्ति और उसके बच्चे की मौत हो गई.मौत के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया...भड़के लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया.पीओके में लोगों का गुस्सा उस समय फूटा है जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा गिलगित के दौरे पर थे.बाजवा वहां सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क का उद्घाटन करने पहुंचे थे.


गिलगित बाल्टिस्तान को प्रांत बनाने के खिलाफ जनता
दरअसल इमरान खान गिलगित बाल्टीस्तान को देश का पांचवा प्रांत बनाने की कोशिश में हैं लेकिन उनकी मुसीबत ये है कि संसद में बहुमत नहीं है और इसे लागू करने के लिए दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पास करना पड़ेगा. विपक्ष को मनाने के लिए सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख फैज़ हमीद ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता शाहबाज़ शरीफ और पाकिस्तान  पीपल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो सहित विपक्ष के 15 सीनियर नेताओं से  मुलाकात की थी.



जमायत-ए- उलेमा-ए-इस्लाम एफ प्रमुख मौलाना फज़लुर रहमान ने गिलगित बाल्टिस्तान को प्रांत न बनाने की चेतावनी दी है.आपको बता दें गिलगित बाल्टीस्तान पहले भारत के जम्मू कश्मीर का हिस्सा था. जब से भारत ने पीओके को वापस लेने का ऐलान किया है इमरान खान बेचैन हो गए हैं. 


इमरान से नाराज़ जनता
कुछ ही दिनों में पाकिस्तान के तीन अलग अलग क्षेत्रों में सेना समर्थित इमरान सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों ने इमरान सरकार की चूलें हिला दी हैं. पश्तून लोग मानवाधिकार एक्टिविस्ट गुलालई इस्माइल के पिता पर आतंकवाद की धारा लगाने के खिलाफ सड़कों पर उतरे.



बलूचिस्तान के लोग अपनी ज़मीन पर कब्ज़े के लिए अध्यादेश लाने के खिलाफ और बलूचिस्तान के लोगों ने पाक सरकार औऱ सेना के जुल्मोसितम के खिलाफ प्रदर्शन किया.


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नया पाकिस्तान का नारा बना शिगूफा
2017 में जब इमरान खान ने नया पाकिस्तान का नारा दिया तो लोगों ने उन पर भरोसा किया लेकिन एक साल के अंदर ही ये सिर्फ नारा बनकर रह गया...आज इमरान खान की नीतियों ने देश को कंगाली की चौखट पर लाकर खड़ा कर दिया है.बढ़ती महंगाई. बेरोज़गारी भुखमरी के अलावा चीन के हाथों देश को गिरवी रखने से लोग खासे नाराज़ हैं.



विपक्ष भी इमरान को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट हो रहा है. ऐसे में इमरान खान को सिर्फ बाजवा का ही आसरा है जिसके दम पर वो सत्ता में बने हुए हैं. जिस तरह पूरे देश में लोग इमरान खान के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं उनके दिन गिने चुने लगते हैं.


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