नई दिल्ली: पाकिस्तान में गठबंधन सरकार पर उसके खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज करने पर हमला करते हुए, पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान पूरी दुनिया में हंसी का पात्र बन गया है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.


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इमरान खान को पाकिस्तान पर क्यों आया गुस्सा?
आतंकवाद विरोधी मामले में पेश होने के बाद इस्लामाबाद में संघीय न्यायिक अकादमी के बाहर बोलते हुए, इमरान खान ने कहा, 'जब मैंने शाहबाज गिल के यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा, तो मेरे खिलाफ एक आतंकवादी मामला दर्ज किया गया था.'


द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मजिस्ट्रेट ने दावा किया कि यह जानने के बावजूद कि गिल को हिरासत में प्रताड़ित किया गया था, उन्हें फिर से पुलिस को सौंप दिया गया. उनका यह बयान तब आया है जब कुछ अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने उनके खिलाफ दर्ज आतंकी मामले पर टिप्पणी करते हुए कहानियां और तस्वीरें प्रकाशित कीं.


इमरान खान ने किसे दी ये नसीहत?
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने कहा, 'जो कोई भी ये निर्णय ले रहा है उसे देश के बारे में सोचना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'वे तहरीक-ए-इंसाफ की ताकत से डरते हैं, पाकिस्तान के इतिहास में इतनी बड़ी रैलियां नहीं हुई हैं.'


पीटीआई अध्यक्ष ने कहा कि वे [गठबंधन सरकार] पीटीआई की लोकप्रियता के डर से तकनीकी आधार पर उन्हें बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं. इससे पहले, पीटीआई अध्यक्ष को एटीसी ने 1 सितंबर तक की अग्रिम जमानत दी थी.


द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 21 अगस्त को, इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और इस्लामाबाद पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 20 अगस्त को संघीय राजधानी के एफ-9 पार्क में एक रैली में धमकी देने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


आतंकवाद मामले में इमरान को अंतरिम जमानत
पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने राजधानी में एक रैली के दौरान पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थानों को धमकाने के आरोप में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ पिछले सप्ताह दर्ज आतंकवाद के मामले में उन्हें एक सितंबर तक अंतरिम जमानत दे दी है.


डॉन न्यूज की खबर के अनुसार, आतंकवाद-निरोधी अदालत के न्यायाधीश राजा जवाद अब्बास हसन ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान उन्हें एक लाख रुपये के मुचलके पर एक सितंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी.


पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान की जमानत याचिका उनके पहुंचने से पहले अदालत में दायर की गई थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि उनके खिलाफ आतंकवाद का मामला पुलिस द्वारा ‘बदले की कार्रवाई’ के रूप में दर्ज किया गया था.


संघीय न्यायिक परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, जहां पुलिस और फ्रंटियर कोर के जवान घटनास्थल पर तैनात थे. परिसर के आसपास की सड़कों को भी बंद कर दिया गया. इस बीच, खान की पार्टी ने समर्थकों से आह्वान किया था कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री को हिरासत में लिया जाता है तो वे लोग (समर्थक) 'सड़कों पर उतरें और फिर अगले दिन इस्लामाबाद पहुंचें.'


पुलिस अधिकारियों को ‘धमकी’ देने का आरोप
इमरान खान (69) पर रविवार को इस्लामाबाद में एक सार्वजनिक रैली के दौरान एक महिला न्यायाधीश और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ‘धमकी’ देने के कारण आतंकवाद-रोधी अधिनियम (आतंकवाद के कृत्यों के लिए सजा) की धारा-सात के तहत मामला दर्ज किया गया था.


अपने संबोधन में, खान ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, पाकिस्तान के चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ किये गये व्यवहार को लेकर मामला दर्ज कराने की धमकी दी थी. गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. रैली में, उन्होंने न्यायपालिका को अपनी पार्टी के प्रति ‘पक्षपातपूर्ण’ रवैये के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा था कि उसे परिणामों के लिए खुद को तैयार करना चाहिए.


पूर्व प्रधानमंत्री ने अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी को भी गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी, जिन्होंने राजद्रोह के एक मामले में राजधानी पुलिस के अनुरोध पर उनके सहयोगी शाहबाज गिल को दो दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था.


पीटीआई प्रमुख ने इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक और उप महानिरीक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कराने की धमकी देते हुए कहा था, 'हम आपको नहीं बख्शेंगे.' इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को उन्हें तीन दिन की अवधि समाप्त होने से पहले सत्र अदालत से जमानत लेने के निर्देश के साथ तीन दिनों के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था.


इमरान खान के खिलाफ प्राथमिकी में कहा गया है कि उनके भाषण ने पुलिस, न्यायाधीशों और देश में भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा किया है.


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