वाशिंगटन. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पृथ्वी पर बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन अंतरिक्ष में ये संभवत: और भी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने भारत को एक ऐसी ‘बड़ी उभरती ताकत’ बताया, जिसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है. नासा में अंतरिक्ष नीति एवं साझेदारियों के लिए पूर्व ‘एसोसिएट प्रशासक’ माइक गोल्ड ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब अगले सप्ताह व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात करेंगे तो उनके बीच जिन अहम विषयों पर चर्चा होगी, उनमें से अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग भी एक होगा.


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‘रेडवायर स्पेस’ के मुख्य विकास अधिकारी
इस समय अमेरिकी कंपनी ‘रेडवायर स्पेस’ में मुख्य विकास अधिकारी के तौर पर सेवाएं दे रहे गोल्ड ने कहा, ‘पृथ्वी पर भारत और अमेरिका के संबंध बहुत अहम हैं, लेकिन अंतरिक्ष में ये संभवत: और भी महत्वपूर्ण हैं. भारत जल्द ही ऐसा चौथा देश बन जाएगा जो अंतरिक्ष में अपने नागरिकों को भेज सकेगा और इस तरह वह इस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बन जाएगा.’ 


उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए कुछ भी असंभव नहीं है.’ गोल्ड ने कहा, ‘भारत चंद्रयान के जरिए चांद पर जा रहा है. भारत सूर्य पर जा रहा है. मुझे लगता है कि भारत के सूर्य और चंद्र मिशन के बीच बेहतर तालमेल और संतुलन है.’ उन्होंने कहा, ‘और निश्चित ही वह गगनयान मिशन पर भी काम कर रहा है, जिसके जरिए वह पहले चालक दल को अंतरिक्ष में भेजेगा. किफायती और कम लागत पर इन अति महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लागू करने के संबंध में भी भारत असाधारण रूप से नवोन्मेषी रहा है.’ 


उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक क्षेत्र की इस नयी दुनिया में कार्यक्रमों को केवल क्रियान्वित करना पर्याप्त नहीं है और यदि आप इन्हें ऐसे तरीके से कर सकते हैं जो किफायती होने के बावजूद मजबूत और सफल भी हो, तो यह असाधारण रूप से महत्वपूर्ण है. गोल्ड ने कहा कि भारत खासकर एक सरकार के नजरिए से और इन साहसिक दृष्टिकोणों और कार्यक्रमों को पश्चिम की तुलना में बहुत किफायती तरीके से वास्तविकता में बदलने के सदंर्भ में अग्रणी रहा है.


भारत के पास बेहतरीन श्रम शक्ति
उन्होंने कहा कि भारत के पास जो बेहतरीन श्रम शक्ति है, वह उसका सफल तरीके से लाभ उठा रहा है. उन्होंने कहा कि रॉकेट का ईंधन मिशन को अंतरिक्ष तक नहीं ले जाता, बल्कि लोग ऐसा करते हैं और भारत के लोग इसमें उत्कृष्ट हैं. गोल्ड ने कहा कि भारत और अमेरिका पृथ्वी के बारे में अहम जलवायु डेटा सूचना एकत्र करने के लिए निसार मिशन पर काम कर रहे हैं, जो अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह इस बात का उदाहरण है कि भारत और अमेरिका मिलकर एकत्र की गई सूचना के जरिए किस तरह वास्तव में दुनिया को बचा सकते हैं.


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