जय हिन्द की सेना का जापान की सेना के साथ युद्धाभ्यास
उधर बॉर्डर पर चीन और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध यथावत बना हुआ है और दूसरी तरफ चीन के खिलाफ चुनौती से अधिक चेतावनी देती हुई एक गतिविधि भी हुई और यह थी भारतीय सेना की जापान की सेना के साथ युद्धाभ्यास..
नई दिल्ली. एक तरफ चीन भारत की लद्दाख सीमा पर भारत की सेना के साथ तनातनी पैदा कर रहा है तो दूसरी तरफ अमेरिका चीन के विरुद्ध अपनी सेनाएं एशिया में तैनात कर रहा है. अब तीसरा मोर्चा भी खुल गया है और जापान सामने आया चीन के विरुद्ध और जापान की सेना के साथ भारतीय सेना ने किया है नौसैनिक अभ्यास.
हिंद प्रशांत क्षेत्र में हुआ नौसेनिक सैन्याभ्यास
हिंद प्रशांत क्षेत्र में आज शनिवार 28 जून को भारत और जापान की नौसैनिक शक्तियां एक दूसरे के साथ आईं. भारत और जापान के युद्धपोतों ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में मिल कर सेना-अभ्यास किया. इस सैन्याभ्यास के उपरान्त दोनों देशों की नौसैना की तरफ से इस बात का ऐलान किया गया.
दोनो देशों की सैनिक संधि का हिस्सा है यह युद्धाभ्यास
भारत का जापान के साथ सैन्य करार के तहत यह युद्धाभ्यास पहले से ही चल रहा है किन्तु आज जब भारत का चीन के साथ सैन्यगतिरोध जारी है ऐसे में इस रुटीन नौसैनिक अभ्यास को लद्दाख में भारत और चीन के बीच सैनिक तनातनी से अलग नहीं देखा जाएगा. जापानी समुद्री सेल्फ डिफेंस फोर्स ने कहा कि यह युद्धाभ्यास भारत के साथ आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिये किया गया था. इस युद्धाभ्यास में भारत और जापान के दो-दो युद्धपोत शामिल हुए थे.
युद्धाभ्यास पर आया बयान
युद्धाभ्यास पर भारतीय सेना ने भी अपना बयान जारी किया है. नेशनल मैरिटाइम फाउंडेशन के महानिदेशक वाइस एडिमिरल प्रदीप चौहान ने कहा कि भारत और जापान रणनीतिक संचार के लिए ये युद्धाभ्यास कर रहे हैं. दोनो देशों के नौसैनिक युद्ध के उद्देश्य के लिए वहां यह अभ्यास नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह तो एक संदेश है. भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल ने ये भी कहा कि भारत को अपने मित्र राष्ट्रों के नजदीक जाने की आवश्यकता है और चीन को पता है कि उसकी सीधी शत्रुता जापान और अमेरिका के साथ है.
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