चीन- पाक की हर चाल का काल अब भारत के पास
अब एलएसी में चीन की चालबाजी की पूरी जासूसी अमेरिका से लीज पर मिले दो प्रीडेटर ड्रोन करेंगे जिनकी वजह से होगा बॉर्डर में सुरक्षाबलों की ताकत में जबरदस्त इजाफा..
नई दिल्ली. अमेरिका ने भारत से अपनी पक्की दोस्ती निभाते हुए दो प्रीडेटर ड्रोन दिए हैं. एलएसी में चीन की चालबाजी की पूरी जासूसी अमेरिका से लीज पर मिले ये प्रीडेटर ड्रोन करेंगे. इससे बॉर्डर में सुरक्षाबलों की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. दोनों ड्रोन 21 नवंबर को भारतीय नौसेना में शामिल किए गए हैं और इन्हें आईएनएस के रजाली बेस पर फ्लाइंड ऑपरेशन में शामिल किया गया है . भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इनके जरिए चीन की हर चाल की पक्की निगरानी कर सकेगा . आने वाले दिनों में भारत का प्लान इन ड्रोन को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी तैनात करने का है .
प्रीडेटर ड्रोन जासूस भी है और किलिंग मशीन भी
अमेरिका से मिले प्रीडेटर की ट्रेनिंग से किए वहां से नेवी अफसर भी आए हैं जो भारत को इसके ऑपरेशन्स की बारीक जानकारियां दे रहे हैं. दोनों ड्रोन को अमेरिका से लेने के बाद तिरंगे रंग में रंगा गया है. भारत ने इसे इमरजेंसी आर्मी फंड से खरीदा है. मतलब साफ है कि जिस तरह से पाकिस्तान चीन और तुर्की से ड्रोन हासिल करने की कोशिश कर रहा है उस खतरे से निपटने के लिए भारत ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है. इन दिनों एलओसी और कश्मीर में पाकिस्तान के ड्रोन कई बार देखे गए हैं. जिन्हें आतंकवादियों को हथियार पहुंचाने और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. अमेरिका से मिला प्रीडेटर ड्रोन जासूसी के साथ दुश्मन के बेड़े पर हमला भी कर सकता है. प्रीडेडर ड्रोन 30 घंटे से अधिक समय तक हवा में उड़ सकते हैं . फिलहाल इन्हें एक साल के लिए लीज पर लिया गया है . आगे ऐसे 18 औरर ड्रोन भारत हासिल करने की कोशिश में है.
एलएसी पर चीन को धुआं-धुआं करने की तैयारी
चीन बीते कुछ महीनों से लगातार एलएसी और पूर्वी सीमा पर चालबाजी कर रहा है. हाल ही में उसने पूर्वी लद्दाख में जे-16 फाइटर जेट तैनात किए हैं. इससे उसकी कथनी- करनी का फर्क फिर लोगों के सामने आ चुका है. चीन ने पहले वादा किया था कि वो अपनी सीमाओं को पीछे हटाएगा और फिंगर 4 से फिंगर 8 के इलाकों में किए गए निर्माण को भी तोड़गा.
प्रीडेटर का डेटा भारतीय नेवी के पास रहेगा
अमेरिका से लीज पर मिला प्रीडेटर ड्रोन जो जासूसी डेटा इकट्ठा करेगा उस पर भारतीय नेवी का हक होगा. भारत के पास पहले 9 पी-8 आई लंबी दूरी के निगरानी विमान हैं. अगले कुछ वर्षों में ऐसे 9 और विमान भारत को मिलेंगे. हेलीकॉप्टरों में भारत 24 एमएच -60 रोमियो खरीद रहा है. भारत और अमेरिका ने रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं.दरअसल जब से चीन ने भारत के दुश्मन नंबर एक पाकिस्तान को 48 जीजे - 2 ड्रोन दिए हैं और उनमें हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइलें लगाने की खबर आई है. भारत लगातार इस इलाके में अपनी सामरिक ताकत को बढ़ा रहा है. भारत के पास रीपर 9 ड्रोन भी हैं जो समंदर और ज़मीन कहीं पर भी दुश्मन को ढेर कर सकते हैं।
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