नई दिल्ली: हिंद महासागर की गहराइयों में साजिश की डुबकी मारना चीन की पनडुब्बियों के लिये अब आसान नहीं होगा. अब हिन्दुस्तान के समुद्री इलाके में चोरी छिपे घुसपैठ का ख्याल करने भर से ड्रैगन का दिल धड़क उठेगा. अब समंदर की तली में चार सौ मीटर की गहराई में छिपकर भी नहीं बच पाएंगी चीन की स्टेल्थ सबमरीन फ्लीट, क्योंकि हिन्दुस्तान की नौसेना को मिल चुका है वरुणास्त्र.
पौराणिक कथाओं में वरुणास्त्र का मतलब जल के देवता वरुण का वो अस्त्र है, जिसकी मार से पानी में बचना असंभव है, जो एक बार अपने तरकश से छूटा तो फिर शत्रु संहार किये बिना नहीं रुकेगा.
समंदर में चालाकी की तो मारा जाएगा ड्रैगन !
हिन्दुस्तान ने वरुणास्त्र नाम अपने अत्याधुनिक टॉरपीडो को दिया, जो जीपीएस की क्षमता से लैस दुनिया का एकमात्र टॉरपीडो है. टॉरपीडो के जीपीएस से लैस होने का मतलब...दुश्मन के समुद्री जहाजों और पनडुब्बियों की बचने की हर कोशिश को नाकाम कर उसे ठिकाने लगाने की गारंटी.
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जीपीएस सिस्टम से लैस वरुणास्त्र के जरिये हिन्दुस्तान ने समुद्री रण में प्रचंड पराक्रम का वो हासिल कर लिया है, जो अभी दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना वाले चीन को भी हासिल नहीं है.
वरुणास्त्र 74 किलोमीटर प्रति घंटे की जबर्दस्त तेजी से अचूक प्रहार करता है.इस मामले अमेरिका के अत्याधुनिक टॉरपीडो MK 48 ADCAP और इटली के जबर्दस्त टॉरपीडो WASS Black Shark के बाद वरुणास्त्र की ही गिनती होती है.
अब 'सबमरीन' वाली साजिश का अंत तुरंत !
वरुणास्त्र क्यों समंदर में बेहद खास है...ये भी जान लीजिए. 250 किलो के बेहद खतरनाक विस्फोटकों से लैस है वरुणास्त्र. चालीस किलोमीटर के दायरे में तो इसकी मार से बचना नामुमकिन है. इसमें खासतौर से लगे तीन ट्रांसड्यूसर्स इसे सबमरीन हमले के लिये बेहद खास बनाते है. दुश्मन के सब मरीन को ये पानी के नीचे नेस्तोनाबूद कर सकता है...
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सबमरीन पर ऊपर और नीचे दोनों तरफ से अटैक करने की क्षमता इसे बेहद खास बनाती है. सतह पर तैरते जंगी जहाजों को अपने वार से जल समाधि दिला सकता है. सबसे बड़ी बात तो ये है कि अपनी हर अग्निपरीक्षा में सौ फीसदी कामयाब रहा है वरुणास्त्र. वरुणास्त्र ने हिन्दुस्तान को दुनिया का आठवां देश बना दिया है, जिसके पास अपनी तारपीडो पावर है.
हिन्द के वरुणास्त्र से बचके जिनपिंग-इमरान !
नौसैनिक ताकत की बात करें तो चीनी नौसेना की 70 सब मरीन के मुकाबले हिन्दुस्तान के पास 16 सबमरीन का फ्लीट है. लेकिन वरुणास्त्र से लैस होने के बाद हिन्दुस्तान की नौसेना चीन के सब मरीन फ्लीट के लिये बड़ी चुनौती बन चुकी है.
अरब सागर का इलाका हो...या बंगाल की खाड़ी...या फिर अंडमान निकोबार में हिन्दुस्तान का सबसे दूर का फौजी अड्डा वरुणास्त्र हर मोर्चे पर कमर कसने के लिये तैयार है..
हिन्दुस्तान की नौसेना में सिंधुघोष क्लास की नौ पनडुब्बियां का फ्लीट है, इसमें सबसे पहले वरुणास्त्र की तैनाती की जा रही है. इसके बाद कलावरी क्लास की दो सबममरीन, चक्र क्लास की एक सबमरीनऔर शिशुमार क्लास की चार सबमरीन को वरुणास्त्र से लैस करने पर मुहर लग चुकी है।यानी हिंद महासागर हो या अरब सागर चीन-पाकिस्तान की समुद्री साजिशों को समंदर में दफन करने के लिये वरुणास्त्र मोर्चे पर आ रहा है.
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