नई दिल्लीः ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस वीजा नियमों में ढील देंगी. उन्होंने भारतीय मूल की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को इमिग्रेशन रिफॉर्म प्लानिंग से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.


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गृह मंत्री के कार्यालय में न जाने का निर्देश
लोकल बिजनेस में स्टाफ की कमी से चिंतित कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों को कहा गया है कि वे गृह मंत्री के कार्यालय की जगह कैबिनेट ऑफिस और बिजनेस डिपार्टमेंट में जाएं. यह सुएला ब्रेवरमैन के लिए झटके की तरह है. अभी ब्रॉडबैंड इंजीनियर, बूचर और देखरेख करने वाले कर्मचारी वीजा के लिए कतार में हैं.


इमिग्रेशन नीति पर सरकार के एजेंडे को बाधित करने का आरोप
वहीं, कंजर्वेटिव पार्टी सदस्यों की ओर से ब्रेवरमैन पर इमिग्रेशन नीति पर स्वतंत्र रूप से काम करने और गृह मंत्रालय में खुद का नेतृत्व अभियान चलाने का आरोप लगाया है. एक सूत्र ने The Sun को बताया, यह स्पष्ट है कि सुएला ब्रैवरमेन के स्वतंत्र रूप से काम करने और सरकार के एजेंडे को लगातार बाधित करने से सरकार और पार्टी में व्यापक निराशा है.


'रोजाना के कामकाज पर ध्यान दें सुएला'
सूत्र के मुताबिक, सुएला ब्रेवरमैन एक स्पष्ट नेतृत्व अभियान चला रही है, लेकिन इसका सरकार पर अस्थिर प्रभाव पड़ रहा है. उन्हें रोजाना के कामकाज पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी हरकतों को रोकने की जरूरत है, अन्यथा वह बहुत लंबे समय तक नहीं टिकेंगी.


भारत के साथ खुली सीमा वाली इमिग्रेशन नीति पर जताई थी आपत्ति
दरअसल, एक साक्षात्कार में सुएला ने कहा था, उन्हें डर है कि भारत के साथ व्यापार समझौते से ब्रिटेन में आने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ सकती है. उन्होंने कहा था, ‘मुझे भारत के साथ खुली सीमाओं वाली इमिग्रेशन नीति को लेकर आपत्ति है, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि लोगों ने इसके लिए ब्रेक्जिट के पक्ष में मतदान किया था.’


भारत-ब्रिटेन के बीच टूट सकता है मुक्त व्यापार समझौता
इसके बाद ‘द टाइम्स’ अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा था कि भारत ब्रेवरमैन की ओर से की गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणी से ‘हैरान और निराश’ है. साथ ही भारत सरकार के नाराज होने के बाद भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कथित तौर पर टूटने की कगार पर है. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एफटीए के लिए इस साल दिवाली की समयसीमा तय की थी. 


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