नई दिल्ली: भारतीय सैनिकों ने बेहद फुर्ती से कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील (Pangong Lake) के दूसरे किनारे पर भी फिंगर एरिया की तरह घुसपैठ करने की कोशिश को नाकाम कर दिया. चुशूल इलाके में चीनी सैनिकों की तैयारियों को भांपकर भारतीय सैनिकों ने 29-30 अगस्त की रात को पहले ही कार्रवाई कर उन्हें पीछे धकेल दिया. अब इस झड़प को लेकर चीन अपनी सफाई पेश कर रहा है.


पैंगोंग में सैन्य झड़प को लेकर चीन ने पेश की सफाई


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चीन (China) के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने ट्वीट करके चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई सफाई की जानकारी साझा की है. इसमें लिखा गया है कि "ताजा चीन-भारत सीमा पर झड़प? चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चीनी सीमा सैनिकों ने हमेशा वास्तविक नियंत्रण रेखा का कड़ाई से पालन किया है और कभी भी रेखा को पार नहीं किया है. दोनों देशों की सीमा सैनिक क्षेत्र के मुद्दों पर संचार में रहे हैं."



भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को ढकेला पीछे


सूत्रों के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने बढ़त हासिल की है और उन जगहों पर मोर्चा जमा लिया है जहां से वो चीनी सैनिकों पर भारी पड़ रहे हैं. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि चीनी सैनिकों ने LAC पार करने की कोशिश की जिसके जवाब में भारतीय सैनिकों (Indian Army) ने कार्रवाई की है. अभी तक किसी सैनिक के हताहत होने की कोई खबर नहीं आई है.


दरअसल, पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सैनिकों की हरकतों का भारतीय सेना ने विरोध किया. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की रिलीज के मुताबिक सेना ने चीन को आगे बढ़ने से रोक दिया. दोनों ओर के ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी चुशूल में चर्चा कर रहे हैं लेकिन तनाव काफी बढ़ गया है. लद्दाख में मौजूद सूत्रों का दावा है कि हालात काबू में है और दो दिन पहले हुई कार्रवाई के बाद जमीन पर भारतीय सैनिकों का पलड़ा भारी है.


चीन की हिमाकत का भरपूर जवाब मिलेगा


सेना के मुताबिक, भारत ने झड़प वाली जगह पर अपनी पोजिशन और मजबूत की है. सेना के पीआरओ कर्नल अमन आनंद की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारतीय सेना बातचीत के जरिए शांति स्थापित करना चाहती है लेकिन अपने देश की रक्षा के लिए भी सेना पूरी तरह से तैयार है. चीन की किसी भी हिमाकत का भरपूर जवाब दिया जाएगा.


न केवल चीनी सेना की कार्रवाई को शुरू होने से पहले ही रोक दिया गया, भारतीय सैनिक अब पहले से बेहतर मोर्चों पर बैठ गए हैं. पिछले हफ्ते से चीनी सैनिकों की गतिविधियां पूर्वी किनारे की तरफ बढ़ गई थीं जिसपर भारतीय सेना की नज़र थी. इसलिए चीन की तरफ से कार्रवाई शुरू होने से पहले ही भारतीय सेना (Indian Army) का कार्रवाई की शुरुआत कर दी.


बार-बार घुसपैठ करने की कोशिश करता है चीन


चीनी सेना ने पैंगोंग झील (Pangong Lake) के पश्चिमी किनारे पर मई के महीने में घुसपैठ की थी और फिंगर 4 तक के इलाक़े पर कब्ज़ा कर लिया था. पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी हुई हैं. यहां से चुशूल का रास्ता जाता है, जो भारतीय सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. चुशूल से ही डेमचौक, कोइल, हनले जैसे गांवों का रास्ता निकलता है जहां चीनी सेना अक्सर घुसपैठ की कोशिश करती रहती है.


चुशूल में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की एयर स्ट्रिप है और सेना का महत्वपूर्ण मुख्यालय है. पूर्वी किनारे का महत्व इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि यहां से तिब्बत जाने के लिए कई चौड़े रास्ते हैं जहां से टैंक या बख्तरबंद गाड़ियां भी ले जाई सकती हैं.


इसे भी पढ़ें: पैंगोंग में फिर भारत-चीन की झड़प, रात के अंधेरे में बड़ी साजिश नाकाम


इसे भी पढ़ें: चीनी सैनिक के कब्र की तस्वीर चीनी सेना में बढ़ा सकती है असंतोष