लंदन. बीते करीब चार महीने से इजरायल ने अतिवादी संगठन हमास के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. इस दौरान कई बार इजरायल ने संकल्प दोहराया है कि लड़ाई हमास के पूरे खात्मे तक चलती रहेगी. लेकिन इस अभियान का असर इजरायल की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है. 2023 की अंतिम तिमाही में इजरायल का उत्पादन तेजी से घटा है. यह लगभग दो साल में पहली गिरावट है. हमास के साथ युद्ध से अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ा है.


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इस संबंध में CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने सोमवार को अपने प्रारंभिक अनुमान में कहा कि देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की समान तिमाही की तुलना में 19.4 प्रतिशत घट गया. इससे पहले संशोधित आंकड़ों के अनुसार जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी 1.8 प्रतिशत बढ़ा था.अर्थव्यवस्था में संकुचन इजरायल के लिए आर्थिक मोर्चे पर नई बुरी खबर है.


7 अक्टूबर के हमले के बाद छेड़ा अभियान
बता दें कि इजरायल ने 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास को नष्ट करने के लिए गाजा में युद्ध छेड़ रखा है. डेटा के मुताबिक अपेक्षा से बदतर गिरावट के लिए निजी खपत में 26.9 प्रतिशत गिरावट जिम्मेदार है क्योंकि हमलों के बाद आत्मविश्वास कम हो गया और लोगों ने खर्च में कटौती कर दी.सेना से बुलावे के परिणामस्वरूप आवासीय इलाकों में गतिविधियां लगभग रुकने से और फिलिस्तीनी श्रमिकों में कमी के कारण व्यवसायों द्वारा स्थिर निवेश में 67.8 प्रतिशत की गिरावट आई.


2024 में सुधार की संभावना
हालांकि 2024 की पहली तिमाही में सुधार की संभावना दिख रही है.लेकिन इसके बावजूद 2024 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर रिकॉर्ड निचले स्तर के आसपास रहने की संभावना है. रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास के साथ संघर्ष में 2025 के अंत तक इजरायल को लगभग 255 अरब शेकेल (करीब 70.3 अरब डॉलर) का नुकसान होने की आशंका है.


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