युद्ध के बीच सर्वे ने बढ़ाया नेतन्याहू का सिरदर्द! घट सकती हैं उनकी पार्टी की सीटें
हमास से युद्ध के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सिरदर्दी बढ़ गई है. एक सर्वे में उनकी सरकार पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. सर्वे से इशारा मिल रहा है कि बेंजामिन नेतन्याहू सरकार गंवा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैनल 14 के सर्वे में सामने आया है कि नेतन्याहू के नेतृत्व वाले गठबंधन की सीटें कम हो सकती हैं.
नई दिल्लीः हमास से युद्ध के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सिरदर्दी बढ़ गई है. एक सर्वे में उनकी सरकार पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. सर्वे से इशारा मिल रहा है कि बेंजामिन नेतन्याहू सरकार गंवा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैनल 14 के सर्वे में सामने आया है कि नेतन्याहू के नेतृत्व वाले गठबंधन की सीटें कम हो सकती हैं.
लिकुड पार्टी की सीटें हो सकती हैं कम
चैनल 14 सर्वे के अनुसार, नेतन्याहू के गठबंधन की सीटें घटकर 56 पर पहुंच सकती हैं जबकि विपक्ष की सीटें 64 हो सकती हैं. वहीं नेतन्याहू की लिकुड पार्टी की सीटें भी घटकर 26 हो सकती हैं. अभी लिकुड पार्टी की 32 सीटें हैं. वहीं इजरायल की वॉर कैबिनेट में मंत्री बैनी गैंट्ज की ब्लू एंड वाइट पार्टी 29 सीटें हासिल कर सकती हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो उन्हें इजरायल के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर भी देखा जा रहा है.
बता दें कि इजरायल में नेतन्याहू के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में है. हालांकि अगर गठबंधन बने रहता है तो 2026 तक इजरायल में आम चुनाव नहीं होंगे.
हमास के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का लिया संकल्प
वहीं इजरायल-हमास संघर्ष के 100वें दिन में प्रवेश करने के बीच बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में 'पूर्ण जीत' हासिल होने तक सैन्य अभियान जारी रखने का संकल्प लिया. गाजा में गहराते मानवीय संकट के कारण युद्ध रोकने की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग के बावजूद नेतन्याहू ने रविवार को कहा, 'हमें यह युद्ध अवश्य करना चाहिए और इसमें अभी कई महीने लगेंगे.'
नेतन्याहू ने 2024 का बजट प्रस्ताव किया पेश
अपनी साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के दौरान नेतन्याहू ने अपनी सरकार को 2024 का बजट प्रस्ताव पेश किया, इसमें एक ऐसी योजना के लिए मंजूरी मांगी गई, जिसमें कर बढ़ोतरी और सभी सरकारी मंत्रालयों के बजट में एक समान 3 प्रतिशत की कटौती का कार्यान्वयन शामिल है, ताकि हमास के खिलाफ चल रहे युद्ध के लिए धन सुरक्षित किया जा सके.