तेल अवीव. फिलिस्तीन के अतिवादी समूह हमास को गाजा से पूरी तरह उखाड़ने की प्लानिंग पर इजरायल एक कदम और आगे बढ़ गया है. दरअसल युद्ध समाप्त होने के बाद गाजा पट्टी के दो हिस्सों में विभाजित होने की संभावना है. योजना के मुताबिक किसी राजनीतिक दल की बजाए अब फिलिस्तीनी आदिवासी कबीले का दोनों हिस्सों पर अलग-अलग शासन होगा. माना जा रहा है कि इजरायल की इस प्लानिंग से गाजा के इलाके में हमास के प्रभाव को पूरी तरह खत्म करने में मदद मिलेगी.


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फिलिस्तीनी लोगों के हाथ में प्रशासन देने की योजना
इजरायली सेना की योजना के अनुसार, जनजातियों को गाजा के नागरिक प्रशासन का काम सौंपा जा सकता है. वे अस्थायी अवधि के लिए मानवीय सहायता के वितरण की निगरानी भी करेंगे. योजना को इजरायल युद्ध कैबिनेट में पेश किए जाने की संभावना है. 


गाजा से नहीं मिल रहा है समर्थन
इजरायल की इस प्लानिंग को अभी गाजा से समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है. गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी जनजातियों के सर्वोच्च प्राधिकरण ने इजरायली सेना की प्रस्तावित योजना की निंदा की है. प्राधिकरण के आयुक्त-जनरल अकेफ अल-मसरी ने योजना के खिलाफ चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा-कब्जा करने वाला स्टेट गाजा में अपनी विफलता को छुपाना चाहता है और फिलिस्तीनी समाज में भ्रम और संघर्ष पैदा करना चाहता है.


सैनिकों की वापसी कर रहा है इजरायल
इससे पहले सोमवार को इजरायल ने कहा था कि वह भीषण हवाई बमबारी और जमीनी कार्रवाई की रणनीति में संभावित बदलाव के मद्देनजर अन्य इलाकों से अपने हजारों सैनिकों को वापस बुला रहा है. बता दें कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को कुचलने और गाजा में आतंकवादी समूह द्वारा अब भी बंधक बनाकर रखे गए 100 से अधिक लोगों को मुक्त कराने तक युद्ध जारी रखने का संकल्प लिया है. लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की क्षेत्र की यात्रा से पहले इजरायल पर युद्ध रोकने का अंतरराष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. ब्लिंकन ने अपील की है कि इजरायल फलस्तीनी नागरिकों को बचाने के लिए और कदम उठाए.


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