नई दिल्ली. गाजा पट्टी पर हमास के खिलाफ इजरायल के हमले लगातार जारी हैं. इस बीच ईरान ने मुस्लिम देशों से अपील की है कि इजरायल को पेट्रोलियम और अन्य जरूरी तेलों की सप्लाई बिल्कुल बंद कर दी जाए. एक तरीके से ईरान ने इजरायल के बहिष्कार की मांग कर डाली है. अब देखना होगा कि मुस्लिम देश ईरान की इस मांग पर किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं. युद्ध की शुरुआत से ही ईरान लगातार इजरायल को चेतावनी और धमकी दे रहा है. लेकिन उसकी धमकियों का कोई असर इजरायल पर पड़ता नहीं दिख रहा है.


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हमास के खात्म के लिए प्रतिबद्ध दिख रही इजरायली सेनाएं
इजरायली सेना इस बार हमास के पूर्ण खात्म के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध दिख रही है. साथ ही इजरायली प्रशासन भी 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इस बीच इजरायली सेना ने बुधवार को कहा कि यमन में ईरान समर्थित हौथी द्वारा कई मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद इसने लाल सागर क्षेत्र में हवाई सुरक्षा बढ़ा दी गई है.



यमन से हमले के बाद बढ़ाई सुरक्षा
यमन से इज़राइल में एक मिसाइल और दो ड्रोन लॉन्च किए जाने के बाद जहाजों को तैनात किया गया. लाल सागर के पास इज़राइल के सबसे दक्षिणी शहर इलियट के पास बुधवार सुबह एक हौथी के मिसाइल को रोका गया। इजरायल ने कहा है कि हमारी रक्षा तैयारी बहुत ऊंचे स्तर की है.


शरणार्थी शिविर पर हमले की ली जिम्मेदारी
वहीं इजरायली सेना ने बुधवार को गाजा में सबसे बड़े जबालिया शरणार्थी शिविर पर हवाई हमले की जिम्मेदारी ली. सेना ने कहा कि  7 अक्टूबर के हमले के लिए जिम्मेदार हमास के शीर्ष नेताओं में से एक हमले में मारा गया.सेना ने कहा-आईडीएफ लड़ाकू विमानों ने हमास की सेंट्रल जबालिया बटालियन के कमांडर इब्राहिम बियारी को मार गिराया. बियारी 7 अक्टूबर को आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार नेताओं में से एक था.


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