नई दिल्ली. चीन का सर्वेसर्वा है शी जिनपिंग जिसने अपनी साड़ी जिंदगी के लिए चीन में अपनी सबसे ऊंची सीट पक्की कर ली है. इस आदमी ने सारी दुनिया से दुश्मनी मोल लेनी शुरू  कर दी है और सारी दुनिया के निशाने पर आ गया है. सबसे बड़ी तोप अमेरिका की चीन की तरफ है लेकिन चीन है कि मानता ही नहीं. शी जिनपिंग का विस्तारवादी  सपना जहां खत्म होता है उस मुकाम पर दुनिया में एक ही रोड होगी चीनी रोड और एक ही बेल्ट होगी शी जिनपिंग के शासन की बेल्ट.  


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दुनिया के दुश्मन का दुश्मन चीन में


चीन की चरम तानाशाही अब चीन की सीमा से बाहर निकल कर दुनिया के धरातल पर फैलने लेगी है चाहे वो ताइवान हो, सिंगापुर हो या भारत हो या साउथ चाइना सी, चीन हर जगह बदतमीजी पर उतारू है. चीन में बौद्धों, मुसलमानों और ईसाईयों पर लगातार जुल्म ढाये जा रहे हैं. ऐसे में दुनिया का सबसे बड़ा खलनायक बना है शी जिंनपिंग जिसे रोकने के लिए दुनिया को एक होना पड़ेगा. इस जालिम तानाशाह का एक दुश्मन चीन में भी है और ये दुश्मन बड़ा दुश्मन है जिनपिंग के लिए.


नाम है इसका रेन झिकियांग


कहा जाता है कि जिनपिंग के सभी दुश्मन या तो जेल पहुंचा दिए गए या फिर मार दिए गए. लेकिन रेन झिकियांग नामक जिनपिंग का दुश्मन न मारा गया है न जेल में है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का ये नेता  बाहर है और खामोश है दूसरे शब्दों में कहें तो ये शी जिनपिंग का पुराना साथी फिलहाल फरारी काट रहा है. और इसकी वजह भी जिनपिंग की दुश्मनी ही है. मार्च में रेन ने सार्वजनिक तौर पर कोरोना के प्रसार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति जिनपिंग की आलोचना कर दी थी. उसके बाद ही रेन को भ्रष्टाचार के आरोप में पार्टी से निकाल दिया गया.


कम्युनिस्ट पार्टी के आलोचक हैं रेन


उनहत्तर वर्षीय रेन हुआयुआन ग्रुप का डिप्टी पार्टी सेक्रेटरी और पूर्व चेयरमैन रहा है. कोरोना पर काबू पाने में नाकाम रहने का कसूरवार बताने पर रेन पर भ्रष्टाचार और घूसखोरी का आरोप लगा दिया गया और सत्तारूढ़ पार्टी से निकाल बाहर किया गया. रेन चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य तो है किन्तु पार्टी के मुखर आलोचक के रूप में ही देखा गया. किन्तु आज चीन में शी जिनपिंग का एकमात्र विकल्प हैं भूमिगत चीनी नेता रेन झिकियांग.


सरकार गिरा सकता है रेन


आने वाले दिनों में अगर कभी ये खबर सुनने में आती है कि शी जिनपिंग का तख्तापलट हो गया है तो बहुत उम्मीद है कि इस के पीछे रेन झिकियांग की बड़ी भूमिका हो सकती है. रेन को जिनपिंग के विरुद्ध न केवल जनता की, बल्कि इस देश की भाड़े की सेना का समर्थन मिल सकता है.


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