फिलाडेल्फिया मुद्दे पर Biden- Trump का सियासी राग
अमेरिका के फिलाडेल्फिया में हालात ऐसे हैं कि यहां पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है और नेशनल गार्ड को डिप्लाय किया गया है. पिछले दिनों एक अश्वेत युवक की पुलिस गोली से मौत के बाद यहां लगातार दंगा भड़का हुआ है.
नई दिल्ली: पिछले दिनों फिलाडेल्फिया की सड़कों पर कोहराम मच गया. हजारों लोग विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए जो पिछले दिनों मारे गए 27 साल अश्वेत युवक वैलेश के लिए न्याय की मांग कर रहे थे.
सारे अश्वेतों को मार डालेगी अमेरिकी पुलिस!
प्रदर्शनकारियों की मांग सिर्फ़ वैलेश को न्याय दिलाने तक ही सीमित नहीं थी,...बल्कि वो रंगभेद का खात्मा चाहते है. क्योंकि गोरी और काली चमड़ी के बीच अमेरिकी समाज में फैले भेद का सबसे घिनौना चेहरा तब-तब सामने आया है जब-जब पिछले दिनों कई अश्वेत शख्स व्हाइट पुलिस की गोलियों के शिकार हुए हैं.
प्रदर्शनकारियों को पुलिस का सामना करना पड़ा और देखते ही देखते हजारों प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने अराजक रुप ले लिया. कई जगहों पर तोड़फोड़ और लूट की भी वारदातें हुईं. इसके बाद फिलाडेल्फिया के मेयर को सख्त आदेश देने पड़े.
क्यों लगातार बनाए जा रहे हैं अश्वेत 'शिकार'?
फिलाडेल्फिया के मेयर जिम केनी ने पेंसिल्वेनिया नेशनल गार्ड की सहायता का अनुरोध किया. उन्होंने बताया कि नेशनल गार्ड की भूमिका, सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, संपत्ति की सुरक्षा और लूट को रोकने के लिए होगी. लेकिन ज़रुरत के मुताबिक वे हमारे पुलिस विभाग और दूसरे ऑपरेशनल डिपार्टमेंट को भी मदद करेंगे. जिम ने इस सहायता के लिए गवर्नर वुल्फ को धन्यवाद दिया.
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फिलाडेल्फिया में कर्फ्यू लगा दिया गया है. क्योंकि ब्लैक लाइव्स मैटर के तहत जो प्रदर्शन हुआ उसके हिंसक होने के बाद 30 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हो गए.
फिलाडेल्फिया के पुलिस कमिश्नर डेनियल आउटलॉ ने बताया कि 23 अधिकारी घायल हुए हैं. ये ज़ख्म प्रदर्शनकारियो की तरफ़ से फेंके गए ईंट-पत्थरों से हुए हैं. उन्होंने कहा कि उग्र प्रदर्शनकारी और कुछ नहीं बस हमारे कीमती संसाधनों को नष्ट कर रहे हैं. लेकिन उन्हें किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा, इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
अमेरिकी चुनाव का प्रभावित करेगा मुद्दा?
मारे गए 27 साल के वैलेश के मामले में एक बार फिर अश्वेतों के लिए अमेरिकी पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आया है. जो ब्लैक पिपल के लिए अमेरिकी फोर्स की नफरत दिखाता है. मगर इस मुद्दे पर भी नेताओं ने अपने अपने हिसाब से इसे सियासी जामा पहनाने की कोशिश की.
राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने मारे गए अश्वेत वैलेश के परिवार से सहानुभूति जताई है और ऐसे हालात को मेंटल हेल्थ क्राइसिस कहा. जिसे ठीक करने के लिए कई सुधारों की ज़रूरत बताई. लेकिन साथ ही जो बाइडेन ने प्रदर्शनकारियों के हिंसक प्रदर्शन की भी आलोचना की है.
डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंट कैंडिडेट जो बाइडेन ने कहा कि लूटपाट और हिंसा के लिए कोई बहाना नहीं चलेगा. कोई भी नहीं, कुछ भी नहीं. उन्होंने लूटपाट की घटना के लिए पीड़ित के पिता की बात दोहराई जिसमें कहा गया था कि 'ऐसा मत करो, मेरा बेटा ये नहीं चाहता था' बाइडेन ने कहा कि आप इस मुद्दे पर मदद नहीं कर रहे, बल्कि दुख और परेशानी बढ़ा रहे हैं.
अमेरिका में एक बार फिर 'ब्लैक लाइव्स मैटर'
अमेरिका में चुनावी माहौल अपने चरम पर है और ऐसे में फिलाडेल्फिया में रंगभेद के खिलाफ़ शुरु हुए इस ताज़ा विरोध प्रदर्शन का असर अब न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भी देखने को मिल रहा है. फिलाडेल्फिया के हालात पर ट्रंप ने भी अपने अंदाज़ में बात रखी, और सियासत करना नहीं भूले.
यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें नेशनल गार्ड की सहायता लेनी चाहिए, उन्हें हर वो काम करना चाहिए,..जिससे ऐसे हालात ना बनें. ट्रंप ने फिलाडेल्फिया में ऐसी घटना के लिए डेमोक्रिटिक पार्टी को जिम्मेदार बताया, और कहा कि रिपब्लिकन ऐसा नहीं कर सकते. सबको पुलिस का सम्मान करना ही पड़ेगा.
3 नवंबर के चुनाव के लिए हालांकि 7 करोड़ से ज्यादा वोट डाले जा चुके हैं. फिर भी ऐसा माहौल अमेरिकी चुनाव को गहरे प्रभावित करेगा.
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