मॉक्को: अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत ओकसाना मार्कारोवा ने रूस की सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि रूस ने यूक्रेन में क्लस्टर बम और वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया है. आइये जानते हैं, इन घातक बमों के बारे में और ये कैसे मचाते हैं तबाही ?


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वैक्यूम बम
यह एक थर्मोबैरिक हथियार है. थर्मोबैरिक हथियारों में बारूद का प्रयोग नहीं होता है. इसकी जगह वैक्यूम बम उच्च-दाब वाले विस्फोटक से भरे होते हैं. वैक्यूम बम शक्तिशाली विस्फोट करने के लिए आसपास के वातावरण से ऑक्सीजन सोखते हैं. इसमें से अल्‍ट्रासोनिक शॉकवेव निकलती हैं, जो तबाही का स्तर बढ़ा देती हैं. वैक्यूम बम 44 टन टीएनटी की ताकत के साथ विस्फोट करने में सक्षम हैं. यह 300 मीटर के दायरे में नुकसान पहुंचा सकता है. इसे फादर ऑफ ऑल बम भी कहा जाता है. दावा है कि रूस ने इस वैक्‍यूम बम का इस्‍तेमाल 2016 में सीरिया पर किया था.


रूस ने वैक्यूम बम को 2007 में डेवलप किया था. इसका वजन 7100 किलो होता है. अमेरिका के पास भी ऐसा ही बम है जिसे मदर ऑफ ऑल बम कहा जाता है. यह 11 टन TNT की ताकत वाला धमाका कर सकता है. इसका नाम GBU-43/B है.

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क्लस्टर बम
क्लस्टर बम या गुच्छ बम ख़तरनाक इसलिए माने जाते हैं क्योंकि इसमें मुख्य बम से कई सारे छोटे विस्फोटक (लघु बम) निकलते हैं. ये छोटे विस्फोटक निर्धारित लक्ष्य के आसपास भी नुक़सान पहुंचाते हैं. इससे आम लोगों को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है. मुख्य बम के फटने के बाद आसपास गिरने वाले छोटे विस्फोटक लंबे समय तक पड़े रह सकते हैं. ऐसे में युद्ध खत्म हो जाने के बाद भी इन बमों की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है. 

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