लंदन. कोविड-19 महामारी का भयावह दौर भले ही दुनिया से जा चुका हो लेकिन इसके प्रभाव अभी तक बड़े स्तर पर देखे जा रहे हैं. इस नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि  हल्के कोरोना संक्रमण वाले 25% मरीज एक साल बाद भी फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित रहे. 


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रिसर्च में सामने आया कि कोरोना इंफेक्शन से ठीक हो जाने के बाद भी पल्मोनरी फंक्शन बिगड़ा हुआ पाया गया. रिसर्च के लिए एम्सटर्डम विश्विद्यालय के शोधकर्ताओं ने करीब 349 लोगों पर स्टडी की. मई 2020 से लेकर दिसंबर 2021 तक इनमें से 301 का पल्मोनरी टेस्ट किया गया. तकरीबन एक साल बाद हुए फॉलो-अप टेस्ट में इनमें  से 25 फीसदी लोगों का पल्मोनरी फंक्शन गड़बड़ पाया गया.  


इन लोगों पर हुए टेस्ट
कुल लोगों में 11 प्रतिशत मरीज हल्के कोविड, 22 प्रतिशत मध्यम कोविड और 48 प्रतिशत प्रतिभागियों में गंभीर कोविड की समस्या थी. हालांकि टेस्ट में हिस्सा लेने वालों में 1, 6 और 12 महीनों में इलाज के दौरान सुधार हुआ. वहीं ज्यादा उम्र वाले ऐसे लोगों के सुधार में कमी देखी गई जिन्हें पर से कोई गंभीर बीमारी हो या फिर लाइफस्टाइल डिसऑर्डर हो. 


हल्के कोरोना संक्रमण वाले मरीजों में असर कम!
रिसर्च में हिस्सा लेने वाले शोधकर्ता का कहना है-12 महीने के फॉलो-अप के बाद गंभीर कोविड-19 के मरीजों के पल्मोनरी फंक्शन में सुधार देखने को मिला. वहीं, मध्यम वर्ग के कोविड पीडि़तों में यह सुधार पहले 12 महीनों के बाद कम होने लगा.
 


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