नई दिल्ली. दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट ने बड़ी तादाद में कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. सत्या नडेला द्वारा संचालित माइक्रोसॉफ्ट 'रीस्ट्रक्चरिंग' के हिस्से के रूप में कर्मचारियों की छंटनी करने वाली पहली टेक दिग्गज बन गई है. इसके बाद कंपनी ने इस पर सफाई भी पेश किया है.


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आर्थिक मंदी का हवाला 


बता दें कि, दुनिया की दिग्गज कंपनियों द्वारा ग्लोबल आर्थिक मंदी का हवाला देकर छंटनी की जा रही है. माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी उसके कार्यालयों और प्रोडक्ट डिविजन्स के 1.81 लाख कर्मचारियों की लगभग 1 फीसदी है, यानी लगभग एक फीसदी कर्मचारी बहार कर दी गए हैं. गौरतलब है कि पांच साल में पहली बार इस छंटनी की खबर आई है.


छंटनी के पीछे सामने आई ये बड़ी वजह 


बता दें कि, माइक्रोशॉफ्ट ने छंटनी के पीछे के कारणों का भी खुलासा किया है. माइक्रोसॉफ्ट ने छंटनी के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि, सभी कंपनियों की तरह हम नियमित रूप से अपनी व्यावसायिक प्राथमिकताओं का मूल्यांकन करते हैं और उसी के मुताबिक स्ट्रक्चरल एडजेस्टमेंट करते हैं. 


हम अपने व्यवसाय में निवेश करना जारी रखेंगे और आने वाले वर्ष में कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करेंगे. कंपनी में की गई बड़ी संख्या में छंटनी के अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज, टीम्स और ऑफिस ग्रुप्स में हायरिंग को भी कम कर दिया है. 


इन कंपनियों में भी हुई है छंटनी


बता दें कि, माइक्रोसॉफ्ट के अलावा हाल फिलहाल में दुनिया बाकी दिग्गज कंपनियों ने भी बड़ी मात्रा में कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. पिछले दिनों ट्विटर ने भी अपनी भर्ती टीम में 30 फीसदी की लोगों को छंटनी की थी.


वहीं दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने भी अमेरिका में अपना एक ऑफिस बंद कर दिया है और सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.


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