नई दिल्ली.  इसमें कोई संदेह भी नहीं है. भारत अब अमेरिका के लिए न केवल सामरिक साझेदार है बल्कि रणनीतिक और व्यावसायिक साझेदार भी है. और अब जब भारत का कद वैश्विक हो चुका है, यह अमेरिका के लिए भी उतना ही गर्व का विषय ही है जितना चीन के लिए चिंता का. 



 


यूएसआईबीसी में कहा पोम्पियो ने


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अमेरिका चीन के साथ शत्रुता की तरह ही भारत के साथ मित्रता को भी पूरी गंभीरता से ले रहा है. अमेरिकी मंच से भारत के साथ अपने सामरिक और व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने की बात कही गई है. यूएसआईबीसी अर्थात अमेरिका-भारत व्यापार परिषद की 45वीं वर्षगांठ पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह महत्वपूर्ण बात कही. माइक पोम्पियो ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति में भारत अहम स्थान रखता है.


''भारत के पास है अवसर''


 अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक बात और भी ऐसी कही जिसमें नाम तो भारत का लिया किन्तु कहा चीन के लिए. माइक पोम्पियो ने इंडिया आइडियाज समिट में भारत के साथ रिश्तों को मजबूत करने पर ज़ोर देने की बात के साथ ही कहा कि आज भारत के पास चीन से दूर जा रहे वैश्विक सप्लाई चेन को अपनी तरफ खींचने का अच्छा अवसर है. 


''भारत हमारा सुरक्षा पार्टनर''


इंडिया आइडियाज़ समिट में माइक पोम्पियो बोल रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि उनकी हर बात चीन के हृदय पर आघात करने के लिए कही जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र में भारत अमेरिका का महत्वपूर्ण सुरक्षा साझीदार है. इतना ही नहीं उन्होंने उन्होंने टिकटॉक समेत चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगाने के भारत के कदम की तारीफ़ भी की.


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