लंदन: Uranus: नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने यूरेनस यानी अरुण ग्रह की पहली तस्वीर को कैप्चर किया है. इस तस्वीर में इस विशाल बर्फीले ग्रह के अदृश्य छल्ले और 27 चंद्रमा नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर को देखकर वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे पहले यूरेनस कभी इतना बेहतर नहीं दिखा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की कीमत 10 अरब डॉलर है. JWST की शक्ति से खगोलविद भी अचंभित हैं. इसकी क्षमता अंतरिक्ष में भेजे गए पुराने टेलीस्कोप वोयाजर से कई गुना बेहतर है.


क्या है यूरेनस के छल्ले
मुख्य छल्ले बर्फ के शिलाखंडों से बने होते हैं, जो कई फीट के पार होते हैं, जबकि अन्य मुख्य रूप से बर्फीले टुकड़ों से बने होते हैं, जिन्हें चट्टानों ने काला कर दिया है. शनि जैसे अन्य ग्रहों की तुलना में वलय पतले, संकरे और काले हैं. 


यूरेनस के वातावरण में धुंध की मोटी परत के कारण नीले रंग की एक आश्चर्यजनक छाया है. ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व वाले शोधकर्ताओं ने इसे एरोसोल-2 परत का नाम दिया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि दृश्यमान तरंगदैर्घ्य पर यह सफेद दिखाई देगी.


वेब ने यूरेनस के 27 ज्ञात चंद्रमाओं में से कई को भी कैप्चर किया, जिनमें से अधिकांश यहां देखे जाने के लिए बहुत छोटे और फीके हैं, लेकिन छह सबसे चमकीले है. 


यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने एक बयान में साझा किया, 'जब वायेजर 2 ने यूरेनस को देखा, तो इसके कैमरे ने दृश्यमान तरंग दैर्ध्य में लगभग फीचर रहित नीली-हरी गेंद दिखाई.''अवरक्त तरंग दैर्ध्य और वेब की अतिरिक्त संवेदनशीलता के साथ हम और अधिक विवरण देखते हैं, यह दर्शाता है कि यूरेनस का वातावरण वास्तव में कितना गतिशील है.'


प्राचीन छवि यूरेनस की अनूठी ध्रुवीय तस्वीर को भी उजागर करती है, जो तब दिखाई देती है जब ध्रुव गर्मियों में सीधे धूप में प्रवेश करता है और फिर पतझड़ में गायब हो जाता है. बता दें कि नासा के वैज्ञानिकों ने हाल ही में 2030 के दशक में यूरेनस और नेप्च्यून की जांच शुरू करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसियों को आगे बढ़ाने की घोषणा की.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.