नई दिल्ली: स्पेस एजेंसी NASA इन दिनों कॉस्मेकिल क्राइसिस से गुजर रहा है, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों के अपने स्पेससूट में डूबने और ब्रम्हांड में तैरने का खतरा बढ़ रहा है. बता दें कि अंतरिक्ष यात्री 1980 के दशक के पुरानो उपकरणों पर निर्भर हैं, जिसके चलते पहले ही खतरे की घंटी बज चुकी है. 


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अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरा बन रहा हेलमेट 
NASA के ऑफिशियल डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि साल 2013 के मिशन में अंतरिक्ष यात्री कुला परमिटानो अपने ही हेलमेट में पानी के रिसाव का शिकार बने थे. वहीं साल 2022 में अंतरिक्ष यात्री मैथियास मौरर के हेलमेट में 7 घंटे के भ्रमण के दौरान पानी का रिसाव हुए था, जिसके बाद पूरे से 7 महीने के लिए अंतरिक्ष में चहलकदमी को बंद कर दिया था. पिछले हफ्ते एस्ट्रोनॉट ट्रेसी डायसन को नेशनल स्पेस स्टेशन के एयरलॉक से बाहर निकलने पर बर्फ के आर्कटिक विस्फोट का सामना करना पड़ा था, जिसने उनके हेलमेट को पूरी तरह से ढक दिया था. 


स्पेस सूट बनाने के लिए संघर्ष कर रहा NASA 
बता दें कि NASA अपने टूल्स को अपडेट करने के लिए समय के विरुद्ध दौड़ में है, लेकिन इसे नया स्पेस सूट बनाने के लिए काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. विशेषज्ञों को डर है कि इसके पुराने उपकरण टाइम बम की तरह है. अगर इन्हें बदलने के लिए कंपनी कोई स्टेप नहीं लेती है तो इससे कोई बड़ा खतरा हो सकता है. वहीं हेलमेट से पानी के रिसाव की समस्या पिछले 1 दशक से चल रही है. 


मैनूफैक्चर कंपनी से संपर्क कर रही NASA 
हाल ही में कोलिंस एयरोस्पेस नाम की एक कंपनी ने NASA के साथ सूट बनाने के काम को छोड़ने की घोषणा थी. इसका कारण अबतक पता नहीं चल पाया है. वहीं हाल ही में उपकरणों में खराब के कारण अंतिम समय में कई स्पेसवॉक्स को भी रद्द कर दिया गया. NASA ने हाल ही में नई मैनूफैक्चर कंपनी एक्सिओम के साथ एक क्रॉसओवर टास्क पर साइन किया है, ताकी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर इस्तेमाल के लिए अपने मून सूट को एडप्ट करने की कोशिश की जाए. 


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