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नई दिल्ली. चीन पर कोरोना की ये दुहरी मार कहलाएगी. कोरोना संक्रमण स्वास्थ्य छीन रहा है और ज़िंदगियाँ भी. अब इसने नौकरी छीनना भी शुरू कर दिया है. चीन का प्रतिष्ठित बैंक एचएसबीसी अपने दो चार या दस बीस नहीं बल्कि पैंतीस हज़ार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने वाला है और इसकी वजह है - कोरोना.



 


तर्कसंगत पुनर्गठन का ऐलान 


ऊपरी तौर पर जो दिखाया जा रहा है उससे तो यही जाहिर हो रहा है कि HSBC अर्थात हॉन्गकॉन्ग शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन अपने कारोबार का तर्कसंगत पुनर्गठन करना चाहता है. और इस दिशा में उठने वाला एक कदम इसके 35,000 कर्मचारियों की छंटनी के रूप में सामने आने वाला है. बैंक का कहना है कि कंपनी का लाभ लगातार तीन साल से कम होता जा रहा है इसलिए ये कदम उठाना अनिवार्य हो गया है. 


 ये है कोरोना का दुष्प्रभाव  


हालांकि कोरोना को सीधे तौर पर इसका जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. लेकिन लगता है चालाक चीन कोरोना के बहाने कई स्तरों पर अपने कई हित साधने में लगा है. अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का भी असर हो सकता है ये जो कि एचएसबीसी बैंक की छटनी के रूप में सामने आ रहा है. इसकी वजह ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन से अलग होना भी हो सकता है जिसने एचएसबीसी बैंक के कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.



 


यूरोप और अमरीका में व्यवसाय बिगड़ा 


बैंक के सूत्रों के अनुसार यूरोप और अमरीका में व्यवसाय बिगड़ा है जिसने बैंक को अपने कर्मचारियों की छंटनी का फैसला करने पर विवश किया है. एचएसबीसी बैंक के अधिकारियों का कहना है कि इस छटनी की वजह कोरोना संक्रमण ही है क्योंकि चीन में और चीन के बाहर भी इस चीनी बैंक का कारोबार कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अच्छा नहीं चल रहा है. 


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