नई दिल्ली. दुनिया का हर देश कोरोना से जंग लड़ रहा है. कोरोना का संकट महामारी बन कर दुनिया पर तारी है. ऐसे में ये एक बड़ी राहत देने वाली खबर लगती है जिसमें जानकारी मिली है कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एंटीबॉडी खोजा है जो कोविड-19 को शरीर में शरीर में फैलने से रोक सकेगा. अब एक नई आशा का जन्म हुआ जिसके अनुसार वैज्ञानिक जल्द ही कोरोना के उपचार के लिए बेहतर वैक्सीन बना पाएंगे.


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ये है एंटीबॉडी 47D11 


वैज्ञानिकों ने इस एंटीबॉडी का नाम 47D11 रखा है जिसकी खोज के साथ ही वैज्ञानिकों उम्मीद कर रहे हैं की वे अब कोरोना वायरस को पीड़ित के शरीर में ही निष्क्रिय कर सकेंगे. और ऐसा करने से लाभ ये होगा कि कोरोना वायरस का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे तक नहीं फ़ैल सकेगा. अब तक चूहों पर किये गए इसके परीक्षण सफल रहे हैं.  एंटबॉडी कोरोना वायरस से चिपक कर उसकी बाहरी कंटीली परत तोड़कर उसे निष्क्रिय कर देता है.


चूहों से खोजै गया है ये एंटीबॉडी 


खोजी कोरोना को शरीर में फैलने से रोकने वाली एंटीबॉडी को खोजने का श्रेय यूरोप के वैज्ञानिकों को जाता है जिन्होंने चूहों में पाए जाने वाली 51 सेल लाइंस कोशिकाओं के भीतर जा कर इस एंटीबॉडी को खोज निकला है. इसके बाद अगले चरण में इन वैज्ञानिकों ने इस एंटीबॉडी को इंसानों के लायक बनाने के लिए जेनेटिकली इंजीनियर किया है. 



 


अंतिम चरण का परीक्षण भी सफल रहा


इस एंटीबॉडी को मनुष्यों के लायक जिनेटिकली इंजीनियर करने के बाद अंतिम चरण में इस एंटीबॉडी का परीक्षण 2003 में फैले सार्स कोरोना वायरस पर किया गया.  यहां भी यह परीक्षण सफल रहा और 2003 के सार्स कोरोना वायरस को इस एंटीबॉडी ने निष्क्रिय कर दिया. अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है  कि कोविड-19 भी सार्स कोरोना वायरस के परिवार का ही एक वायरस है, इस कारण इस एंटीबॉडी  को दुर्बल करके उसको खत्म करने में कामयाब होगा. 


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