वास्तव में सूरज हुआ मद्धम, रोशनी कम होने लगी है

वैज्ञानिकों द्वारा दी गई ये जानकारी वास्तव में हैरान करती है और उससे भी अधिक परेशान करती है यह सोच कर कि कहीं ये क्लाइमेट चेन्ज का घातक परिणाम तो नहीं ..और यदि ऐसा है तो फिर ये तो अभी शुरुआत है..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 6, 2020, 01:33 AM IST
    • मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने आकंड़ों का अध्ययन करके किया खुलासा
    • वजह तलाश रहे हैं वैज्ञानिक
    • पांच गुना तक घटी है सूरज की रोशनी
    • आकंड़ों के अध्ययन से हुआ है ये खुलासा
वास्तव में सूरज हुआ मद्धम, रोशनी कम होने लगी है

नई दिल्ली. क्या वजह हो सकती है कि ऐसा हो रहा है - अंतरिक्ष वैज्ञानिक सोचने में लगे हैं. सूरज और चांद की रोशनी का कम ज्यादा होना ये कहीं कोई खतरनाक संकेत तो नहीं? नई जानकारी डरावनी है जो बता रही है कि हाल ही में पाया गया है कि सूरज हुआ है मद्धम. इसकी रोशनी पांच गुना तक कम हुई है. 

 

वजह तलाश रहे हैं वैज्ञानिक

ये स्थिति एक सामान्य आकाशीय घटना नहीं है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी को सर्वाधिक ऊर्जा देने वाला अपना सूरज अब कम चमकने लगा है. उसकी रोशनी में कमी आई है.  पृथ्वी की आकाशगंगा में स्थित सूरज अपने जैसे दूसरे तारों के मुकाबले में दुर्बल नजर आ रहा है. और यह दुर्बलता भी सूरज की हल्की-फुल्की नहीं बल्कि काफी अधिक दुर्बलता नजर आ रही है. वैज्ञानिक इस कारण की तलाश में हैं कि आखिर ऐसा हुआ कैसे? 

पांच गुना तक घटी है सूरज की रोशनी 

जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने पाया कि सूरज की रोशनी पांच गुनी कम हो गई है. वैज्ञानिकों ने बताया कि धरती का एकमात्र ऊर्जा स्रोत पिछले 9000 वर्षों से लगातार दुर्बल होता जा रहा है और इसकी चमक में बहुत कमी आ गई है. दूसरे शब्दों में सीधे-सीधे कहें तो सूरज की रोशनी पांच गुना कम हो गई है. 

 

आकंड़ों के अध्ययन से किया ये खुलासा 

मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने आकंड़ों का अध्ययन करके यह खुलासा किया. ये आंकड़े अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केपलर स्पेस टेलीस्कोप से उपलब्ध हुए हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार सूरज और उसके जैसे दूसरे तारों का अध्ययन उनकी आयु, उनकी रोशनी और उनके रोटेशन के आधार पर की जाती है. इसी आधार पर वैज्ञानिकों ने अध्ययन करने पर पाया कि  पिछले 9000 सालों में सूरज की चमक पांच गुनी कम हुई है.

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