नई दिल्ली. भारत का यह कड़ा रुख न केवल नेपाल के लिए संदेश है बल्कि उसके नए राखी-भाई चीन के लिए भी साफ संदेश है. अब भारत के साथ मनमानी करके सीमा विवाद तो पैदा किया जा सकता है मनमाने ढंग से भारत से जमीन हासिल अब नहीं की जा सकती है क्योंकि अब ये मोदी सरकार है जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है.   


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


नए नक्शे से नाराज किया नेपाल ने  


नया नक्शा जारी करके नेपाल ने भारत को रुष्ट कर दिया है. नेपाल के नए नक्शे में कालापानी और लिपुलेख को शामिल किया गया है जिसे भारत ने खारिज कर दिया है. भारत ने अपना रुख कड़ा रखते हुए अब दोनों देशों के बीच सीमा संबंधी विवाद पर बातचीत को भी ख़ारिज कर दिया है. भारत ने कहा है कि अब द्विपक्षीय वार्ता के लिए उपयुक्त माहौल बनाने का जिम्मा भी नेपाल का ही होगा. 


विदेश सचिव स्तर की वार्ता रोकी भारत ने 


भारत नेपाल सीमा विवाद के दौरान यह साफ़ हो गया है कि नेपाल की प्रतिक्रिया ने भारत को खुश नहीं किया है.  ताजा घटनाक्रम के अंतर्गत नेपाल द्वारा अपना नया नक्शा जारी करना भारत के लिए अब द्विपक्षीय वार्ता को स्वीकार करने के बीच अवरोध पैदा करने जैसा है . अब नेपाल और भारत के मध्य  विदेश सचिव स्तर की प्रस्तावित वार्ता अब नेपाल के रुख पर निर्भर करेगी. 


कोविड संकट के बाद वार्ता का था प्रस्ताव 


नेपाल के द्वारा नया नक्शा जारी करने से पहले तक जो स्थिति थी, उसमें भारत ने नेपाल से कहा था कि  दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत कोविड-काल के बाद रखी जा सकती है. भारत ने बड़प्पन दिखाते हुए नेपाल को विश्वास दिलाया था कि बातचीत के जरिए आशंकाओं को दूर किया जाएगा.


ये भी पढ़ें. रूस का सौदा भारत-अमेरिका संबंधों पर भारी पड़ सकता है