नई दिल्ली.    ये वास्तव में बड़ा आर्थिक झटका है चीन के लिए क्योंकि अगर जापान की 57 कंपनियां चीन का दामन छोड़ेंगी तो चीन को करोड़ों डॉलर्स की चोट दे कर निकलेंगी. अब चीन को ये हिसाब लगाना होगा कि वर्ष 2020 चीन के लिए कितनी बड़ी आर्थिक क्षति ले कर आया है और अब आगे आने वाले दिनों में और भी बहुत से देशों की कंपनियां चीन छोड़ने वाली हैं - उनसे होने वाले नुकसान का भी चीन को हिसाब लगाना होगा.


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चीन के लिए चौथा बड़ा झटका 


सबसे पहले भारत ने चीन को देश से बाहर करना शुरू किया उसके बाद अमेरिका ने भी बाकायदा ऐलान करते हुए चीन की कंपनियों के लिए दरवाजे बंद करने शुरू किये फिर ताइवान ने भी यही किया और अब जापान भी इसी कतार में खड़ा है. ये इस साल चौथा बड़ा आर्थिक झटका है चीन के लिए और इन चारों झटकों से उबरने में चीन को काफी लम्बा वक्त लग जाएगा.


पैसे दे कर बाहर निकल रहा है जापान 


जापान की इन कंपनियों ने चीन से बाहर निकलने के लिए भुगतान करना पसंद किया है लेकिन उन्होंने अब आख़िरकार अपने देश जापान वापस जाने का कडा फैसला ले लिया है. लोकल सप्लाई चेन पर किसी तरह का प्रतिकूल प्रभाव न पड़े इसके लिए जापान ने ऐसा किया है. जापान ने लगभग एक करोड़ डॉलर एक कम्पनी को देश में ही मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए वापस बुलाने में खर्च किये हैं और 57 कंपनियों के लिए लगभग 54 करोड़ डॉलर खर्च किये हैं.  


तीस अन्य कंपनियां भी छोड़ेंगी चीन को


चार बड़े देशों की बड़ी कंपनियों को खोने के बाद चीन के आर्थिक नुकसान का सिलसिला यहीं नहीं खत्म हो जाता. अभी आने वाले दिनों में कई दूसरे देशो की कंपनियां भी चीन छोड़ कर या तो वापस अपने देश में जाने वाली हैं या फिर भारत कनाडा और आस्ट्रेलिया नूज़ीलैण्ड जैसे नए बाज़ारों में अपनी जगह बनाने जा रही हैं. इस प्रकार चीन को होने वाली आर्थिक क्षति चीन की आर्थिक कमर तोड़ सकती है.


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