नई दिल्ली.  रूस की कोरोना वैक्सीन को सारी दुनिया स्वीकार करे, इस लक्ष्य को ध्यान में रख कर रूस ने एक बड़ा कदम उठाया है. उसने फैसला किया है कि अब रूसी कोरोना वैक्सीन की जांच के लिये इसका ट्रायल चालीस हजार लोगों पर किया जायेगा.


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अगले हफ्ते होगा शुरू


सबसे पहले कोरोना की कामयाब वैक्सीन बनाने का दावा करने वाले रूस ने विश्वास जताया है कि वह अपनी कोरोना वैक्सीन के प्रति दुनिया के देशों का भरोसा जीत लेगा. इस भरोसे को जीतने के लिये राष्ट्रपति पुतिन ने बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने घोषणा कर दी है कि रूस चालीस हजार लोगों पर अपनी वैक्सीन का इस्तेमाल करके उसकी विश्वसनीयता का प्रमाण देगा. यह बड़ा ह्यूमन ट्रायल अगले सप्ताह शुरू किया जाने वाला है.


अड़तीस लोगों पर हुई थी जांच


रूस ने अपनी कोरोना वैक्सीन बनाते समय एक को छोड़ कर शेष सभी औपचारिक नियमों का पालन किया और अपनी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भी सफलतापूर्वक कर दिखाया था. हालांकि रूस ने वैक्सीन की जांच के अंतिम चरण में मानव परीक्षण के दौरान अपनी वैक्सीन का ट्रायल सिर्फ अड़तीस लोगों पर किया था जो कि वैक्सीन निर्माण के अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अंतर्गत स्वीकार्य है. किन्तु अब रूस दुनिया को बता कर बहुत बड़े स्तर पर अपनी वैक्सीन की जांच करने जा रहा है.


रूस ने नहीं किया था फेज-3 ट्रायल 


रूस की कोरोना वैक्सीन को लेकर एक अहम तथ्य ये भी है कि रूस ने वैक्सीन निर्माण के एक अंतर्राष्ट्रीय नियम का पालन नहीं किया था और फेज-3 ट्रायल के बिना ही अपनी वैक्सीन की सफलता का दावा कर दिया था.   माना जा रहा है कि इस कारण ही रूस ने सबसे पहले अपनी कोरोना वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर ली है. किन्तु अब सब विवादों को दरकिनार करते हुए रूस अपनी वैक्सीन की विश्वसनीयता को व्यापक मानव परीक्षण द्वारा सिद्ध करने जा रहा है और चालीस हजार लोग इस दवा की सफलता के गवाह बनने जा रहे हैं.


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