नई दिल्ली.  कारण बहुत साफ़ है और कारण वही है जो भारत ने बताया है.  टिकटॉक से देश के यूज़र्स का निजी डेटा चीन पहुंच जाता है और इस कारण को गंभीरता से लेकर भारत, जापान और अमेरिका ही नहीं कई और भी देश टिक-टाक पर बैन लगाने की तैयारी कर रहे हैं. अमेरिका में तो टिक-टॉक के बिक्री मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के लिए साफ तौर पर मांग लिया है.


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एक हिस्सा देश के नाम करें


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की है ये मांग. उन्होंने कहा है कि चीनी ऐप टिकटॉक की जब अमेरिका में  बिक्री हो तो उसके मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका के लिये दिया जाना चाहिए. राष्ट्रपति ने मीडिया को बताया कि टिकटॉक को 15 सितंबर तक को समय दिया गया है जिस दौरान उसे किसी अमेरिकी कंपनी को अपना कारोबार बेचना होगा अन्यथा अमेरिका में अपना कारोबार बंद करना होगा.


प्रेसवार्ता में कहा राष्ट्रपति ने


ये जानकारी मीडिया को व्हाइट हाउस की प्रेस वार्ता के दौरान दी गई. इसके कुछ घंटे पहले ही राष्ट्रपति के द्वारा टिकटॉक कंपनी को 15 सितंबर तक अपना कारोबार समेटने की चेतावनी दी गई थी. डोनाल्ड ट्रम्प ने ये भी बताया कि वे चाहते हैं कि टिक-टॉक की खरीद का एक हिस्सा देश के नाम किया जाये.


माइक्रोसॉफ्ट खरीद सकती है टिक-टॉक


नंबर वन प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक खरीदने को इच्छुक है और उसकी मूल कंपनी बाइटडांस से उसका अमेरिकी कारोबार खरीदने को लेकर उसकी बात भी चल रही है. राष्ट्रपति ट्रम्प चाहते हैं कि कंपनी की सौ प्रतिशत खरीद की जाये, तीस प्रतिशत नहीं. साथ ही उन्होंने खरीद का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका के लिये भी मांगा है.


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