कश्मीर पर बदल गए पाकिस्तान के तेवर, पाक पीएम ने लगाई `शांति` की गुहार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि वो भारत के साथ `स्थाई शांति` चाहते हैं. उन्होंने कश्मीर पर अपने तेवर भी बदल लिए हैं और कहा कि कश्मीर मुद्दे के हल के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर को लेकर अपने तेवर बदल लिए हैं. उन्होंने कहा है कि उनका देश बातचीत के जरिए भारत के साथ 'स्थाई शांति' चाहता है और कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए युद्ध दोनों देशों के लिए कोई विकल्प नहीं है.
कश्मीर के मुद्दे पर क्या चाहता है पाकिस्तान
कहीं न कहीं पाकिस्तान को ये समझ आ चुका है कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला है और उसमें दखल देने का अधिकार उसके पास नहीं है. तभी तो पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ कश्मीर पर शांति की गुहार लगा रहे हैं. 'द न्यूज इंटरनेशनल' अखबार की खबर के अनुसार, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत कश्मीर मुद्दे का हल क्षेत्र में स्थाई शांति से जुड़ा हुआ है.
'युद्ध किसी भी देश के लिए कोई विकल्प नहीं'
प्रधानमंत्री शरीफ ने शुक्रवार शाम कहा, 'पाकिस्तान क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.' खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, 'हम बातचीत के जरिए भारत के साथ स्थाई शांति चाहते हैं क्योंकि युद्ध किसी भी देश के लिए कोई विकल्प नहीं है.'
गौरतलब है कि कश्मीर मुद्दा और सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहा है.
अनुच्छेद 370 के बाद पाकिस्तान ने किया था हाय-तौबा
भारत द्वारा पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किये जाने, जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने और राज्य को पांच अगस्त 2019 को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए.
भारत ने बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग 'था, है और हमेशा रहेगा.' भारत का कहना है कि वह आतंकवाद, अस्थिरता और हिंसा मुक्त माहौल में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसा संबंध चाहता है.
छात्रों के साथ बातचीत में शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को व्यापार, अर्थव्यवस्था और अपने-अपने नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आक्रामक नहीं है, लेकिन उसके परमाणु हथियार और प्रशिक्षित सेना प्रतिरोधक शक्ति है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सेना पर खर्च करता है.
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