नई दिल्ली: पहले ही पाकिस्तान की हालत बुरी थी, अब रही सही कसर कोरोना पूरी कर रहा है. इस परेशान देश के विदेश मंत्री को अपने चीनी समकक्ष से बात करनी पड़ी है. इसकी उम्मीद चीन को भी रही होगी कि ऐसा होने वाला है और हुआ भी वही, पाकिस्तान ने  चीन से लिये कर्ज परी राहत का कटोरो फैलाया है.


खुद को बनाया विकासशील देशों का प्रतिनिधि


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दुनिया में और भी देश हैं जिन पर बड़े देशों के कर्ज हैं, किन्तु पाकिस्तान की तरह बेशर्मी सबमें नहीं है. पाकिस्तान के लिये राष्ट्रगौरव नामक शब्द नहीं बना है. इसलिये पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चीन से लिये कर्ज पर राहत की भीख मांगी है.


पाकिस्तान ने चालाकी दिखाते हुए कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से लड़ रहे विकासशील देशों का स्वयंभू प्रतिनिधि बन कर इन देशों के लिये चीन से कर्ज में राहत देने की मांग की. इस तथाकथित वैश्विक पहल के लिए पाक ने चीन का समर्थन मांगने हेतु अपने समकक्ष वांग यी से फोनवार्ता की.


किया बहाना कोरोना का


पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है जिसके माध्यम से पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस बात को सामने रखा कि कोविड-19 का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा है जिसके परिणाम अधिक गंभीर हो सकते हैं. विकासशील देशों की पैरवी करते हुए कुरैशी ने अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिये कहा कि विकासशील देशों पर कोरोना महामारी का खतरनाक प्रभाव पड़ा है.


दुनिया के बड़े देशों से मांगी कर्ज में राहत


पाकिस्तानी विदेशमंत्री कुरैशी ने साथ ही इमरान खान की वैश्विक अपील का जिक्र भी कर दिया. कुरैशी ने कहा कि महामारी की वजह से आने वाले वक्त की बदहाली को नज़र में रखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि उसे सभी विकासशील देशों को ऋण में राहत प्रदान करने की दिशा में काम करें.  कुरैशी ने इस पहल के लिए चीन से जी-20 देशों के समूह सहित दूसरे समूहों पर भी समर्थन की मांग की.


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