इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को कहा कि बीमार पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को अपना शेष जीवन गरिमा के साथ बिताने के लिए वतन लौटने में ‘‘कोई बाधा नहीं’’ होनी चाहिए. वर्ष 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले मुशर्रफ पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया और संविधान को निलंबित करने के लिए 2019 में मौत की सजा दी गई.


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मौजूदा सरकार के किसी मंत्री ने पहली टिप्प्णी


मुशर्रफ इलाज के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे और तब से पाकिस्तान नहीं लौटे. मुशर्रफ के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी सामने आने के बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के किसी मंत्री ने पहली बार कोई टिप्प्णी की है.


आसिफ ने ट्वीट किया, ‘‘जनरल मुशर्रफ की तबीयत खराब होने के मद्देनजर उनकी घर वापसी में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए. पूर्व की घटनाओं से इसमें अवरोध नहीं होना चाहिए. अल्लाह उन्हें सेहतमंद बनाए और गरिमा के साथ वह अपने जीवन का यह समय व्यतीत कर सकें.’’


परिवार ने दी थी ये जानकारी


मुशर्रफ के परिवार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया था कि वह वेंटिलेटर पर नहीं हैं, लेकिन पिछले तीन सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हैं. मुशर्रफ के निधन की झूठी खबर सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद परिवार ने बयान जारी किया था.


परिवार ने कहा था, ‘‘उनकी बीमारी (एमाइलॉयडोसिस) के गंभीर होने के चलते वह करीब तीन सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हैं. वह ऐसे मुश्किल चरण से गुजर रहे हैं, जहां स्वस्थ होना संभव नहीं है. उनके लिए दुआ करें.’’


एमाइलॉयडोसिस एक दुर्लभ बीमारी है, जो शरीर के अंगों में एक असामान्य प्रोटीन बनने के कारण होती है और इसके चलते शरीर के अंग सामान्य तरीके से काम नहीं कर पाते हैं.


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