Imran khan case: पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने पिछले साल मई में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों से संबंधित 12 मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को जमानत दे दी है. यह फैसला तब आया है जब पाकिस्तान के चुनाव नतीजे भी इमरान खान के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों ने अधिकांश सीटों पर जीत हासिल कर ली है. इनमें अधिकांश इमरान खान के समर्थन में हैं. हालांकि, चुनाव परिणामों में नवाज शरीफ की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है.


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इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कई नेताओं पर 9 मई की हिंसा के सिलसिले में कई मामलों में मुकदमा चलाया जा रहा है. हिंसा में पूरे पाकिस्तान में प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया गया था.


क्या था मामला?
इस्लामाबाद में अर्धसैनिक बल रेंजर्स द्वारा इमरान खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. आगामी हिंसा में रावलपिंडी में सेना मुख्यालय सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठान और राज्य भवन क्षतिग्रस्त कर दिए गए.


लाहौर के कोर कमांडर के घर, अस्करी टॉवर, शादमान पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया, जबकि खान के जमान पार्क आवास के बाहर भी पुलिस कर्मियों पर हमला किया गया.


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