नई दिल्ली: इमरान और बाजवा की सेना के खेमे में चीन का युद्धक टैंक वीटी-4 शामिल हुआ है. ऐसे में सैन्य ताकत में हुए इस इजाफे के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भारत को आंख दिखाने की शक्ति जुटा पाएगा?


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वीटी-4 टैंक खरीदने वाले तीसरे देश बना पाकिस्तान


पाकिस्तान की सेना ने चीन निर्मित वीटी-4 युद्धक टैंकों के पहले बैच को औपचारिक रूप से अपने शस्त्रागार में शामिल कर लिया है. चीन के सरकारी स्वामित्व वाले टैंक निर्माता नोरिन्को द्वारा निर्मित इन टैंकों की आपूर्ति पिछले साल अप्रैल में शुरू हुई थी.थाइलैंड और नाइजीरिया के बाद इन टैंकों को चीन से खरीदने वाला पाकिस्तान तीसरा देश है. सेना के मीडिया प्रकोष्ठ ने एक बयान में कहा कि मंगला कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शाहीन महमूद ने बुधवार को शस्त्रागार का दौरा किया तथा वीटी-4 टैंकों के पहले बैच का मुआयना किया.चीन रक्षा क्षेत्र में पाकिस्तान का साझेदार बन गया है. पाकिस्तान उससे अनेक हथियार खरीदता आ रहा है.


भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सपना होगा साकार?


चीन से वीटी-4 टैंकों का रक्षा सौदा करने के बाद पाकिस्तान ये सपना देख रहा होगा कि वो इन टैंकों से भारत के लिए खतरा पैदा करेगा.अब इसे समझने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि चीन का वीटी-4 टैंक कितना ताकतवर है?इस टैंक को एमबीटी-3000 के नाम से भी जाना जाता है. वीटी-4 चीन के थर्ड जेनेरेशन का मुख्य वॉर टैंक है. चीन ने इसका निर्माण खासतौर पर इसलिए किया है कि वो इसे दूसरे देशों को बेच सके. इस टैक का वजन 52 टन है, जो 10.10 मीटर लंबा और 3.4 मीटर चौड़ा है.



इस टैंक को तीन क्रू मेंबर मिलकर चला सकते हैं. एक ड्राइवर, दूसरा कमांडर और तीसरा गनर की जगह है. इस टैंक का मुख्य हथियार 125 एमएम की गन है. इसमें टर्बोचार्ज इंजन लगा हुआ है, जो टैंक को 1300 हॉर्सपावर की ताकत देता है.


पाकिस्तान का ख्वाब चकनाचूर कर देगा हिन्दुस्तान


यदि पाकिस्तान अपने 'मालिक' चीन के इस टैंक को खरीदकर ये सोच रहा है कि वो भारत को हेकड़ी दिखा पाएगा, तो ये उसकी सबसे बड़ी गलतफहमी है. क्योंकि भारत ने चूड़ियां नहीं पहन रखी है.पाकिस्तान हो या फिर चीन.. चाहें कितनी भी गुस्ताखी कर ले उसे उसकी हद बताने के लिए भारत एक्शन के लिए हमेशा तैयार रहता है. पाकिस्तान को वीटी-4 होने का गुरूर हो गया है तो भारत के टी नाइंटी (भीष्म) टैंक की उन खासियत को समझ लें, जो रणभूमि पर गेम चेंजर साबित होने का दम रखता है.


T-90 भीष्म की कौन-कौन सी खासियत?


टी-90 भीष्म (T90 Bhishma Tank) दुनिया के सबसे ज्यादा ताकतवर टैंक की सूची में शामिल है. इसे भी तीन क्रू मेंबर चला सकते हैं, जिनमें से एक ड्राइवर, एक कमांडर और एक गनर होता है. कम वजह के चलते ये युद्ध में अपनी अहमियत आसानी से साबित कर सकता है.



यहां आपका टी 90 भीष्म टैंक की ताकत को जानना जरूरी है. इस टैंक की खासियत ये है कि ये 60 सेकेंड में 8 गोले फायर करता है. टैंक में अचूक 125 Mm की मेन गन है. इसकी 6 Km दूर मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है. 48 टन वजन, दुनिया के हल्के टैंकों में एक है. सबसे खास बात ये कि इस टैंक की दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता है.


इस टैंक में मिसाइल हमले को रोकने वाला कवच लगा है. न्यूक्लियर-बायोलॉजिकल-कैमिकल युद्ध में सक्षम है. शक्तिशाली 1000 हॉर्स पावर का इंजन है. इसकी तेज रफ्तार 72 Km/घंटे दुश्मन के छक्के छुड़ा सकती है. भारत का T-90 भीष्म टैंक एक बार में 550 Km की दूरी तय करने में सक्षम है.इस वक्त इमरान और जिनपिंग दोनों ही भारत से बौखलाए हुए हैं. LAC पर चीन पूरी तरह मजबूर है, तो वहीं पाकिस्तान को POK खोने का डर सता रहा है. ऐसे में पाकिस्तान और चीन एक दूसरे से दोस्ती निभाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. जहां चीन के लिए पाकिस्तान गधे की सप्लाई करवाता है, तो वहीं भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने के लिए चीन आतंक के पनाहगार मुल्क पाकिस्तान को हथियार मुहैया करा रहा है. इन दोनों देशों का भारत को मात देने का सपना कभी साकार नहीं होने वाला है.


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