पापिस्तान है आतंक की फैक्ट्री - मान लिया यूएन ने भी
बड़ी खबर है ये. चीन का गोद लिया बेटा कब तक खैर मनाता. `ना`पाक का सौतेला बाप चीन अपनी मुसीबतों से जूझ रहा है, ऐसे में भारत का यह निकम्मा दुश्मन भी बगलें झांक रहा है. और सबसे मज़े की बात तब हुई जब यूनाइटेड नेशंस ने भी पाकिस्तान को `खुशखबरी` सुना दी..
नई दिल्ली. पाकिस्तान ने नहीं सोचा था कि ये दिन उसकी ज़िंदगी में कभी आएगा. पर देर आयद दुरुस्त आयद - यूनाइटेड नेशंस ने आखिरकार मान ही लिया कि ये नापाक देश आतंक का तम्बू है जिसमें चलती है आतंकी बनाने की फैक्ट्री.
यूएन से आई रिपोर्ट ने बताया
अभी तक सन्नाटे में है पाकिस्तान जबसे संयुक्त राष्ट्र की भेजी गई ये रिपोर्ट आई है. पाकिस्तान को यकीन नहीं हो पा रहा है कि यूनाइटेड नेशंस ने भी मान लिया है कि आतंकवाद का स्कूल है पाकिस्तान. यहां पहले ही कटटरपंथ के नाम पर बहके हुए लोगों को पूरी तरह से प्रोफेशनल हत्यारों में तब्दील कर दिया जाता है.
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की रिपोर्ट है ये
ये किसी तरह का मज़ाक नहीं है न ही किसी तरह की गलतफहमी, यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल अगर आपकी हकीकत को बेनकाब कर दे तो दुनिया में किसी को किसी तरह का शक नहीं हो सकता. इस रिपोर्ट ने बताया है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में हजारों आतंकवादी भेजे हैं.
इमरानी कबूलनामा भी आया था सामने
ऐसा नहीं है कि यूनाइटेड नेशंस ने किसी छुपी सच्चाई को खोज निकाला है क्योंकि इसके पहले पाकिस्तान के वजीरे आजम ने खुद भी खुल्ले आम कबूल है कबूल है कबूल है कह कर इस सच को कबूल किया था कि पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन काम कर रहे हैं.
दूसरे देशों में आतंक फैलाने के लिए मुल्क की ज़मीन का इस्तेमाल
ये रिपोर्ट मात्र आकलन के आधार पर बनाई नहीं गई. एक अरसे तक गुप्त रूप से इस दिशा में तथ्यों के अनुसंधान के बाद ये रिपोर्ट तैयार हुई है. इस अहम रिपोर्ट ने चीख-चीख कर बताया कि दूसरे देशों में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल होता रहा है.
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