नई दिल्लीः सोमवार 11 दिसंबर को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व में जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला सुनाया. इस दौरान हाई कोर्ट ने 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के गल से नहीं उतर रहा है. 


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SC के फैसले से नाराज हैं पाकिस्तान नेता
पाकिस्तान के कई दिग्गज नेता सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से नाराज दिख रहे हैं और यहां तक कि इससे मानने से भी इंकार रहे हैं. पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने तो इस फैसले को भारत का दुष्ट व्यवहार तक बता दिया है. इस तरह के कई पाकिस्तानी नेताओं के बयान से यह साफ तौर पर झलक रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पड़ोसी मुल्क को रास नहीं आ रहा है. 


'UNSC के प्रस्तावों को नजरअंदाज कर रहा भारत '
हिना रब्बानी खार ने ट्वीट किया, दुनिया के कई देश अब भारत के इस दुष्ट बर्ताव को देख रहे हैं. भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को साफतौर पर नजरअंदाज कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर पर अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को खत्म करने के लिए भारत की ओर से गलत फैसले लिए जा रहे हैं. 


'भारत की ओर से UNSC ले जाया गया था मामला'
उन्होंने आगे लिखा, मैं याद दिलाना चाहती हूं कि भारत ही जम्मू-कश्मीर के फैसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले गया था. इस दौरान हिना ने लिखा कि कोई भी घरेलू कार्रवाई, जो पूरे राज्य या उसके किसी हिस्से के भविष्य के बारे में की गई हो वो मान्य नहीं होता है.


'पाकिस्तान नहीं मानेगा यह फैसला'
बता दें कि हिना रब्बानी खार से पहले विदेश मंत्री जलील अब्‍बास जिलानी का भी एक ऐसा ही बयान सामने आया था. उनका कहना था कि पाकिस्तान भारत के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को कतई नहीं मानता है. उनका कहना था कि भारत के पास कश्मीर पर एकतरफा फैसला करने का कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए इस फैसले की कोई भी कानूनी मान्यता नहीं है. 


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