नई दिल्ली. पाकिस्तान में तीन 'M' का बुरी तरह से शोषण और दमन हो रहा है. हालांकि पाकिस्तान इस बात को मानने को तैयार नहीं है पर दुनिया देख रही है कि पाकिस्तान में महिलाओं, मीडिया और मानवाधिकारों की जम कर ऐसी की तैसी की जा रही है. और मजे की बात दुनिया में कहीं भी पाकिस्तान के इस दुर्गुण पर सवाल नहीं खड़े किये जाते. हां, आतंक के मामले में अवश्य ही पाकिस्तान का झंडा बुलंद है. 


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मीडिया मुगल को डाला कैदखाने में 


पाकिस्तान के एक बड़े मीडिया संस्थान के स्वामी मीर शकीलुर रहमान फिलहाल जेल की रोटी तोड़ रहे हैं. उनको लगभग तीन दशक पूर्व सरकारी भूमि कब्जियाने के आरोप में अंदर डाला गया है. अब सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं सारी दुनिया में पाकिस्तान की आलोचना होगी, लेकिन इससे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को क्या. उनको अब आलोचनाओं की आदत हो गई है. मीर शकीलउर रहमान को 12 दिनों के लिए हिरासत में भेज दिए गए हैं. 


पाकिस्तान के बड़े पत्रकार हैं शकील


पाकिस्तान में मीर शकील उर रहमान देश के जंग मीडिया ग्रुप के मालिक और एडिटर इन चीफ़ के रूप में जाने जाते हैं जबकि भारत में उनको भारत-विरोधी पाकिस्तानी मीडिया के एक बड़े मोर्चे के रूप में देखा गया है. इस ग्रुप के कुछ अख़बार पाकिस्तान में बहुत लोकप्रिय हैं और पाकिस्तान का सबसे अधिक देखा जाने वाला जियो टीवी नेटवर्क भी इसी मीडिया समूह का हिस्सा है.



 


''सरकार की दमनपूर्ण कार्रवाई है''


पाकिस्तान में एक तरफ एक प्रमुख राजनीतिक दल इस गिरफ्तारी की सराहना कर रहा है वहीं इमरान खान के इस सख्ती को पाकिस्तान के पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वतंत्र मीडिया और राजनीतिक असहमति रखने वालों पर सरकार की दमनात्मक कार्रवाई मान रहे हैं. 


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