नई दिल्ली. ये जितना कोरोना का डर है, उतना ही भारत की संस्कृति का असर है. दुनिया आज भारत की ग्रीटिंग स्टाइल को अपनाते हुए नमस्कार भी कर रही है और नमस्कार का अर्थ भी सामने वाले को बता रही है. इसलिए अंग्रेजी में कहते हैं एवेरी डार्क क्लाउड हैज़ ए सिल्वर लाइनिंग. ये सच है भारत के लिहाज से भी और दुनिया के लिहाज से भी!
हेलो-हाय छूटा नमस्ते शुरू
हैरानी होती है देख कर कि दुनिया की बड़ी बड़ी हस्तियों ने हाथ मिलाना छोड़ दिया है और हेलो हाय को भी त्याग दिया है. अब ये आम और ख़ास लोग कर रहे हैं नमस्ते जी ! दूर से नमस्कार की भारतीय पद्धति सारी दुनिया को पसंद आ रही है. जैसा हम सभी जानते हैं कि नमस्ते संस्कृत के शब्दों ‘नमस’ अर्थात झुकना और ‘ते’ अर्थात आपके समक्ष - से बना है. इससे अच्छा अभिवादन का सम्माननीय तरीका हो ही नहीं सकता.
भारतीय अभिवादन पसंद आया सबको
मीडिया की जानकारी में कहीं भी किसी ने भी नहीं कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए हाथ न मिलाएं, भारतीय ढंग से नमस्ते करें. यहां हम विश्व के बड़े नेताओं और सेलेब्रिटीज़ की बात कर रहे हैं. लोगों ने किसी और देश के नमस्कार की पद्धति न अपना कर भारतीय नमस्ते / नमस्कार को अपनाया है. दुनिया में कहीं कहीं मिलने पर आदाब भी किया जाता है, लेकिन दुनिया ने नमस्ते को नमस्कार किया है और दैनिक जीवन में अपना भी लिया है.
ट्रम्प, नेतन्याहू और प्रिंस चार्ल्स ने की शुरुआत
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दो दिन पहले आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वाराडकर का स्वागत करते हुए कहा -‘नमस्ते’. मीडिया को ट्रम्प ने बताया भी कि ये नमस्ते मुझे पीएम मोदी ने सिखाया है. इसके बाद इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने नमस्कार की परम्परा की अपने देश में शुरुआत कर दी. अब ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स ने भी पहले हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ बढ़ाया था, लेकिन तुरंत अपनी गलती सुधारि और दोनों हाथ जोड़ कर नमस्ते कहा.
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