बाली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन और इससे इतर वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को यहां बाली पहुंच गए. दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन मंगलवार को शुरू हो रहा है और इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता शामिल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह बाली में जी20 समूह के नेताओं के साथ वैश्विक आर्थिक वृद्धि में नयी जान फूंकने, खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी चुनौतियों और स्वास्थ्य तथा डिजिटल परिवर्तन से जुड़े मुद्दों के समाधान पर व्यापक चर्चा करेंगे. 


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भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करेंगे पीएम मोदी


जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाली रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा कि वह वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान करने में भारत की उपलब्धियों और इसकी ‘‘मजबूत प्रतिबद्धता’’ को भी रेखांकित करेंगे. मोदी ने बाली रवाना होने से पहले कहा, ‘‘ बाली शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं वैश्विक आर्थिक वृद्धि, खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य तथा डिजिटल परिवर्तन जैसे वैश्विक चिंता के प्रमुख मुद्दों पर जी20 देशों के नेताओं के साथ व्यापक चर्चा करूंगा.’’ 


कई देशों के नेताओं से मिलेंगे पीएम मोदी


प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शिखर सम्मेलन में बातचीत के दौरान मैं वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान करने में भारत की उपलब्धियों और इसकी मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित करूंगा.’’ शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी शामिल होने वाले हैं. मोदी ने कहा कि वह जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर इसमें भाग लेने वाले कई अन्य देशों के नेताओं से मिलेंगे और उनके साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करेंगे. 


जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर मोदी की कई नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें होंगी लेकिन, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मोदी और जिनपिंग के बीच अलग से बैठक होगी या नहीं. यदि मोदी और जिनपिंग की मुलाकात होती है, तो जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा संघर्ष के बाद से दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की बातचीत होगी. सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में दोनों की मुलाकात नहीं हुई थी. 


बीजिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अच्छे संबंध बनाए रखना चीन और भारत और उनके लोगों के मौलिक हित में है. माओ निंग ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष चीन के साथ उसी दिशा में काम करेगा, चीनी और भारतीय नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सामान्य समझ का पालन करेगा, संबंधों के सतत विकास को बढ़ावा देगा और दोनों देशों तथा साथी विकासशील देशों के साझा हितों की रक्षा करेगा.”


इस सम्मलेन में ये देश लेंगे भाग


जी-20 वैश्विक आर्थिक सहयोग का एक प्रभावशाली संगठन है. यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. इंडोनेशिया जी-20 का वर्तमान अध्यक्ष है. भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा. 


जी-20 समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. 


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