नई दिल्ली. दुनिया के कई देशों में फिलहाल राजनीतिक अस्थिरता का दौर देखने को मिल रहा है. इन देशों में अब एक और नया नाम ईराक का भी जुड़ गया है. ईराक के राजनीतिक हालात भी कमोबेश श्रीलंका जैसे होते जा रहे हैं. ईराक की राजधानी बगदाद में बुधवार को सैकड़ों प्रदर्शकारियों ने संसद भवन पर अपना कब्जा कर लिया. हालांकि, ईराक में हो रहे प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह के जान माल का नुकसान देखने को नहीं मिला है. 


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ईराक में भी शुरू हुआ प्रदर्शन


भारतीय मीडिया के साथ खाड़ी देशों की मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, ईराक में भ्रष्टाचार और कुशासन से परेशान जनता को संसद भवन में घुसते देखा गया था. स्थानीय सामचार एजेंसी शफाक के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने ईराक की राजधानी बगदाद में स्थित संसद भवन में तोड़फोड़ भी की है. 


मौलवी मुक्तदा अल-सदर के समर्थकों ने की तोड़फोड़


मौलवी अल-सदर के गुट ने पिछले साल अक्टूबर में ईराक के आम चुनाव में 73 सीटें जीती थीं. मौलवी मुक्तदा अल-सदर का गुट ईराक में हुए आम चुनावों में सबसे बड़ा गुट बनकर उभरा था. लेकिन इराक का राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी बहुमत न जुटा पाने की वजह से मुक्तदा अल-सदर ने सरकार बनाने की बातचीत से खुद को बाहर कर लिया था. मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक ईराक में चल रहे प्रदर्शन के पीछे मौलवी अल-सदर के समर्थकों का हाथ बताया जा रहा है. 


इन देशों में भी जारी अस्थिरता का दौर


बता दें कि, पिछले कुछ महीनों के दौरान एशिया और यूरोप के कुछ प्रमुख देशों में राजनीतिक अस्थिरता का दौर देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों पड़ोसी देश श्रीलंका में जारी भारी बवाल के बाद वहां पर नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव संपन्न कराया गया था. इसके इसी महीने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही इटली के प्रधानमंत्री ने भी अपने पद को छोड़ दिया था. 


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