नई दिल्ली.  इज़राइल की है ये नई कोरोना टेस्टिंग किट. कीमत अधिक है पर काम पक्का है. छोटे देशों के लिए काम में आने वाली चीज़ है लेकिन भारत और अमेरिका जैसे करोड़ों लोगों वाले देशों में बहुत महंगी पड़ेगी इसकी खरीद. काम अगर अच्छा है तो दाम भी अच्छा होना चाहिए, ज्यादा नहीं. ज्यादा दाम वाली अच्छी चीज़ें कम बिकती हैं और कम लोगों की क्षमता के भीतर होती हैं. 


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बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी ने किया है तैयार 


इज़राइल की इस गुणवत्ता वाली कोरोना टेस्टिंग किट को तैयार करने का श्रेय जाता है बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का जिनका दावा है कि उनकी ये किट 90 फीसदी तक सटीक परिणाम देती है. परिणाम और समय दोनों ही कोरोना टेस्टिंग के लिए अच्छे हैं किन्तु इसकी कीमत 3800 रु. की कुछ अधिक ही है जो लाखों की संख्या में खरीदने की हालत में गरीब देशों की पहुंच से बाहर हो जाती है. 


अभी अप्रूवल की प्रतीक्षा है 


इस चमत्कारी कोरोना टेस्टिंग किट पर काफी दिनों से कार्य चल रहा था. इसके शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी यह किट अप्रूवल के लिए दी गई है और उन्हें पूरा विश्वास है कि शीघ्र ही इसे अप्रूव कर दिया जाएगा. अप्रूवल मिलते ही इसे आम जनता के लिए उपलबध कर दिया जाएगा.



 


इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कोरोना टेस्ट किट है ये 


बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी में तैयार की गई इस नए ढंग की कोरोना टेस्ट किट की अभी से पडोसी देशों से मांग आने लगी है. इसके निर्माता शोधकर्ताओं ने इसका नाम इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कोरोना टेस्ट किट दिया है. कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रोगी के नाक, गले और फूंक से नमूना लिया जाता है और इसके परिणाम से ये भी पता चल जाता है कि कौन कोरोना पॉजिटिव और कौन बिना लक्षण के ही संक्रमित हो गया है.


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