नई दिल्ली: ऋषि सुनक.. ये वो नाम है जो आज कल चर्चाओं में है और चर्चा हो भी क्यों ना, भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने इतिहास रच दिया है. वो ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनाए गए है. ऋषि पहले ऐसे भारतवंशी है जो यूके सरकार का सबसे बड़ा पद सम्भालेंगे. ये पहली बार नहीं कि किसी भारतवंशी का डंका बज रहा हो पहले भी कई बार भारतवंशियों का डंका बजता रहा है. भारतीय मूल से कम से कम 200 नेता 15 देशों में महत्वपूर्ण सार्वजनिक पदों पर पहुंच चुके हैं.


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ऋषि सुनक को जानिए..
ऋषि सुनक जिनका जन्म ब्रिटेन में ही हुआ है. ऋषि के पिता डॉक्टर और उनकी मां एक दवाखाना चलाती थी. सुनक तीन भई बहन हैं और ऋषि के दादा और दादी का जन्म पंजाब प्रांत में हुआ था.


ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के विंचेस्टर से राजनीतिक विज्ञान में पढ़ाई की. जिसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से की. ऑक्सफोर्ड में ऋषि सुनक ने फिलॉसफी और इकोनॉमिक्स को पढ़ा. इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड से एमबीए भी किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋषि सुनक ने गोल्डमैन सैक्स के साथ काम किया और बाद में हेज फंड फार्म्स में पार्टनर बन गये.


जब ऋषि सुनक ने मनाई दिवाली
ऋषि सुनक हिंदू है और अपनी धार्मिक पहचान को लेकर काफी मुखर रहते हैं. वह नियमित रूप से मंदिर जाते हैं. आपको बता दें जब सुनक सांसद बने थे, तब उन्होंने भगवत गीता की शपथ ली थी. पिछले वर्ष दिवाली पर ऋषि की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें वह अपने घर के बाहर दीपक जला रहे थे.



संयोग है कि इस बार दिवाली पर ब्रिटेन में इतिहास रच गया. इस बार उनकी एक और फोटो वायरल हो रही है, जिसमें वो राम नाम का पटका धारण किए हुए हैं.



यह फोटो इस साल जन्माष्टमी की थी. वह अपनी पत्नी के साथ भक्तिवेदांत मंदिर गए थे, गाय के साथ भी उनकी फोटो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है.



सनातन संस्कृति में पले-बढ़े सुनक के लिए जब प्रधानमंत्री पद का ऐलान हुआ तो एक अंग्रेजी अखबार ने शीर्षक दिया- 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पहला हिंदू प्रधानमंत्री.. सुनक को अपने हिंदू होने पर गर्व है. उन्होंने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि भारत उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत है. सुनक ने कहा था कि ‘मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू हूं और हिंदू होना ही मेरी पहचान है’


बात उनके राजनीतिक सफर की करें तो 2015 में यॉर्कशायर की रिचमंड सीट जीतकर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. उसके बाद सुनक चांसलर ऑफ एक्सचेकर के पद पर पहुंचे और धीरे-धीरे ये कारवां बढ़ता चला गया और आज ऋषि सुनक ने इतिहास रच दिया.


रिपोर्ट्स की माने तो ऋषि सुनक को 180 से ज्यादा कंजर्वेटिव सांसदों का समर्थन था जबकि समर्थन के मामले में पेनी काफी पीछे रह गईं. जिसके बाद पेनी ने अपना नाम वाल्स ले लिया और ऋषि सुनक के नाम का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया.


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