नई दिल्ली.  रूस की वैक्सीन बाबा रामदेव ने नहीं बनाई है और न ही वह आयुर्वेद की कोरोना वैक्सीन है इसलिए उसका कोई विरोध नहीं होगा. और यदि वैश्विक फार्मा माफिया ऐसी कोई कोशिश करने की सोचेगा तो भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि ये कोरोना वैक्सीन बनाई है रूस ने जो किसी के दबाव में नहीं आता.


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रूस ने जीती कोरोना वैक्सीन की दौड़  


पिछले कई महीनों से दुनिया भर में कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने की कोशिशें चल रही थीं लेकिन दुनिया में पहली कोरोना वैक्सीन लाने की रेस में अव्वल रहा है रूस. रूस से आई इस खबर ने बताया रूस की कोरोना वैक्सीन तैयार हो चुकी है और अब समय आ गया है उसके उत्पादन का जो कि अगले माह अर्थात सितंबर से प्रारम्भ हो जायेगा.


सितम्बर में दवाई के उत्पादन का प्रथम चरण 


रूस अगले महीने अर्थात सितंबर से अपनी कोरोना वैक्सीन का उत्पादन प्रारम्भ कर रहा है. इस कोरोना वैक्सीन से जुड़ी एक एजेंसी टीएएसएस के अनुसार फिलहाल रूस अपने देश की जरूरतों की पूर्ती हेतु  कोरोना वायरस का वैक्सीन का उत्पादन करेगा. और यह प्रथम चरण का कोरोना वायरस वैक्सीन उत्पादन सितंबर महीने के अंत तक पूर्ण हो जाएगा.


रक्षा मंत्रालय का आया बयान 


रूस के रक्षा मंत्रालय ने मीडिया को इस कोरोना वैक्सीन की जानकारी देते हुए कहा इस रूसी कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम चरण में है और बहुत जल्द समाप्त हो जाएगा. जो महत्वपूर्ण बात इस वैक्सीन से जुड़ी है वह ये है कि इस वैक्सीन के मानव-परीक्षण के ह्यूमन ट्रायल में भाग लेने वाले सभी वालंटियर्स में इम्युनिटी दिखाई दे रही है. 


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