नई दिल्ली.   यूनाइटेड नेशंस की यह खुफिया रिपोर्ट बताती है कि दक्षिण एशिया में अशांति पैदा करने वाले साढ़े छह हजार आतंकी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं और ये सभी आतंकी पाकिस्तान से यहां आये हैं. इन आतंकियों का संबंध पाकिस्तान के बदनाम आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान से है.


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दक्षिण एशिया के शान्ति के लिए खतरा  


रिपोर्ट के अनुसार इतनी बड़ी तादात में अफगानिस्तान में आतंकियों का होना अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत तीनों के लिए खतरनाक है. और देखा जाए तो सबसे शांत देश भारत है जो कि इन दोनों आतंकी देशों के निशाने पर है. यूएन की ये रिपोर्ट ये भी कहती है कि इतनी बड़ी तादाद में यह आतंकियों की निष्क्रिय मौजूदगी नहीं है. इनके अतिरिक्त आईएसआईएस, अल-कायदा एवं दुसरे आतंकी संगठन भी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं. 


सबसे ज्यादा तहरीके तालिबान के आतंकी 


यूएन की ये रिपोर्ट बताती है कि अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी  संगठनों में एक तहरीके तालिबान ऐसे आतंकी संगठन है जिसके सबसे ज्यादा आतंकी यहां मौजूद हैं. तहरीके तालिबान के आतंकियों में सबसे ज्यादा पाकिस्तान मूल के आतंकी हैं बाकी अफगानिस्तानी, बांग्लादेशी, म्यांमार के करीब दो सौ आतंकी हैं. 


 एक्यूआईएस है अलकायदा 


अलकायदा का दूसरा नाम एक्यूआईएस है जिसका मौजूदा सरगना ओसामा महमूद है. पुराने सरगना  आसिम उमर के मारे जाने के बाद ओसामा महमूद नया सरगना बना है. एक्यूआईएस अपने पुराने सरदार की मौत का बदला लेने के लिए आने वाले दिनों में बड़े हमले करने की योजना बना रही है. 


टीटीपी है तहरीके तालिबान 


टीटीपी याने तहरीके तालिबान ने अफगानिस्तान में जड़ें जमा ली हैं और इसके आतंकियों के निशाने पर ज्यादातर पाकिस्तान ही रहता है. हाल ही में टीटीपी ने पाकिस्तान में कई बड़े हमलों की जिम्मेदारी भी अपने सर ली है. यूनाइटेड स्टेटस की आतंकी संगठनों से जुड़ी प्रतिबंध निगरानी टीम की 26वीं रिपोर्ट ने ये भी खुलासा किया है कि एक्यूआईएस तालिबान के साथ अफगानिस्तान के निमरूज, हेलमंद और कंधार प्रदेशों में सक्रिय है.


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