नई दिल्ली. श्रीलंका में चल रहे पिछले सात दशकों के सबसे खराब आर्थिक हालातों के बीच, वहां पर सस्ता के खिलाफ जनता में खूब आक्रोश देखने को मिल रहा है. श्रीलंका में जनता सरकार के विरोध मैं सड़कों पर उतर आई है. यही नहीं वहां पर आम जनता ने राष्ट्रपति भवन और अन्य सार्वजनिक जगहों को अपने कब्जे में ले लिया है. लेकिन अप जनता ने कब्जे ली गई इमारतों को छोड़ने का फैसला किया है. 


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कब्जे में ली गई इमारतों को वापस छोड़ेगी जनता


सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन और उन अन्य सार्वजनिक भवनों को वापस सौंपने का फैसला किया है, जिन पर उन्होंने पिछले कुछ दिनों से कब्जा जमा रखा है. वर्तमान सरकार की नीतियों से परेशान होकर प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा कर लिया था. यही नहीं, वे राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति कार्यालय और प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास में भी घुस गए थे और वहां उनकी दैनिक गतिविधियां भी देखने को मिल रही थीं.


पुलिस के साथ भी हुआ था टकराव


पुलिस के साथ गतिरोध के बावजूद जनता ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय पर भी कब्जा जमा लिया था. इस दौरान पुलिस के साथ गतिरोध में 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे. तनावपूर्ण स्थिति के बीच कोलंबो में गुरुवार दोपहर 12 बजे से (शुक्रवार) सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया था. 


राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने छोड़ा देश


बता दें कि, सरकार के खिलाफ जनता के आक्रोश को देखते हुए, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बुधवार को देश छोड़ दिया था. बुधवार की सुबह गरजपक्षे पत्नी के साथ एक सैन्य विमान में सवार होकर मालदीव भाग गए थे. बता दें कि गोटबाया राजपक्षे ने अभी तक राष्ट्रपति के पद से अपना इस्तीफा नहीं दिया है. गोटबाया ने कहा था कि, वे 13 जुलाई को अपना पद छोड़ देंगे. 


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